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कोरोना संक्रमित मामले में चीन से आगे निकला भारत

कोरोना मरीजों के मामले में शुक्रवार को भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आ रहे आंकड़े के अनुसार देश में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 85000 को पार कर गई और जो कि चीन में वर्तमान मरीजों की संख्या से अधिक है, जहां कि अब तक कुल 82,933 मामले सामने आए हैं।
चीन का वुहान शहर, जहां से यह महामारी उत्पन्न हुई थी वहां कुछ नए मामले आए हैं। इसके बावजूद भारत संक्रमित मरीजों की संख्या के मामले में आगे निकल गया है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक चीन में 4,633 लोगों की कोरोना वायरस से मौत हुई थी जबकि 78,000 से अधिक लोग संक्रमण मुक्त होकर घर लौट चुके हैं।
बता दें कि दिसंबर में वुहान में संक्रमण शुरू होने के बाद से अब तक दुनिया में तीन लाख अधिक लोगों की मौतें कोरोना वायरस की वजह से हुई हैं जबकि 45 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं। चीन और अन्य देश अपनी अर्थव्यवस्था को खोलने की शुरुआत कर रहे हैं । हालांकि कोरोना वायरस के संक्रमण के दोबारा फैलने की नए सिरे से चिंता बढ़ गई है।

भारत अब दुनिया का 11वां सबसे प्रभावित देश

कोविड-19 महामारी से भारत अब दुनिया का 11वां सबसे प्रभावित देश है लेकिन एक भारत से अधिक, कोरोना वायरस प्रभावित देशों में संक्रमितों की संख्या एक लाख से अधिक है। इस सूची में अमेरिका शीर्ष पर है जहां पर 14 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं। इसके बाद क्रमश: रूस, ब्रिटेन, स्पेन, इटली और ब्राजील हैं जहां पर दो लाख से अधिक मामले हैं। वहीं फ्रांस, जर्मनी, तुर्की और ईरान में एक लाख से अधिक मामले सामने आए हैं।

लगभग 30 हजार के करीब लोग संक्रमण मुक्त

शुक्रवार रात तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से मिली जानकारी के आधार पर पीटीआई द्वारा जुटाए गए आंकड़े के मुताबिक देश में 85,538 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है और कम से कम 2,679 लोगों की कोविड-19 से मौत हुई है। इसके साथ ही करीब 30 हजार लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं।

जम्मू-कश्मीर, बिहार और कर्नाटक में संक्रमितों की संख्या एक हजार के पार

जम्मू-कश्मीर, बिहार और कर्नाटक में संक्रमितों की संख्या एक हजार के पार हो गई है। जबकि केरल, गोवा और मणिपुर राज्यों में जांच और संक्रमण से बचाव के उपाय तेज हो गए हैं, जिसका नतीजा है कि हाल के दिनों में नए मामले नहीं आए। मणिपुर में तो क्वारंटीन केंद्र को भी सील कर दिया गया है।

शहरी इलाके सबसे अधिक प्रभावित

वहीं दूसरी ओर शहरी इलाकों में बड़े पैमाने पर संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं। महाराष्ट्र सबसे अधिक प्रभावित है जहां पर 1,576 नये मामलों के साथ कुल संक्रमितों की संख्या 29,100 तक पहुंच गई है जबकि यहां पर 1,068 लोगों की मौत हुई है। तमिलनाडु में 434 नये मामले सामने आने के साथ राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 10 हजार के पार हो गई है जबकि गुजरात में 340 नये मामलों के साथ कुल कोविड-19 मरीजों की संख्या बढ़कर 9,932 तक पहुंच गई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा अधिक मौत वाले इलाके में ध्यान केंद्रित करने की जरूरत

स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान के मुताबिक भारत में आए कोविड-19 के कुल मामलों का 79 प्रतिशत महज 30 निकाय क्षेत्रों से है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन मंत्री की अध्यक्षता में हुई उच्च-स्तरीय मंत्री समूह की बैठक हुई और इस बैठक में उन राज्यों में, जहां पर सबसे अधिक मामले आए हैं और मौतें हुई है, वहां के लिए कोविड-19 प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करने पर बल दिया गया।
कोविड-19 विशेष पैकेज के तीसरे चरण की घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कोविड-19 विशेष पैकेज के तीसरे चरण की घोषणा की। इस चरण में किसानों की मदद और कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों में सुधार पर जोर दिया गया। बता दें कि इस संकट के दौर में भारत को आत्मनिर्भर बनाने हेतु सरकार द्वारा 20 लाख करोड़ का राहत पैकेज दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तीसरे चरण में घोषित उपायों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी और किसानों की आय में वृद्धि होगी।

लॉकडाउन के चौथे चरण पर जल्द होगा फैसला

लॉकडाउन के चौथे चरण के बारे में जल्द फैसला होगा लेकिन अधिकारियों ने बताया कि इस चरण में अधिक ढील दी जाएगी और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अधिक लचीला रुख अपनाने की छूट होगी जबकि क्रमबद्ध: तरीके से रेलवे और घरेलू उड़ानों को शुरू करने की संभावना को भी टटोला जा रहा है।

अंतिम दिशानिर्देश केंद्रीय गृह मंत्रालय पिछले हफ्ते

मुख्यमंत्रियों की प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई चर्चा में आए सुझावों पर विचार करने के बाद देगा। मोदी ने मुख्यमंत्रियों से 15 मई तक अपने सुझाव देने को कहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा था कि लॉकडाउन का चौथा चरण पूरी तरह से अलग और नये नियमों के साथ होगा। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार कोई भी राज्य पूरी तरह से लॉकडाउन को हटाना नहीं चाहता लेकिन सभी धीरे-धीरे आर्थिक स्थिति को बहाल करना चाहते हैं।

घर पहुंचने वाले लोग हो रहे संक्रमित

रेलवे पहले ही दिल्ली से 15 स्थानों के लिए विशेष रेलगाड़ियों का परिचालन शुरू कर चुका है और सैकड़ों श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों का परिचालन देश के विभिन्न हिस्सों में प्रवासी श्रमिकों को उनके गृहनगर पहुंचाने के लिए कर रहा है। एअर इंडिया भी वंदे भारत मिशन के तहत विदेश में लॉकडाउन की वजह से फंसे भारतीयों की वापसी के काम में लगा है।
राज्य सरकारों के लिए उस समय स्थिति चिंताजनक हो गईं जब इन विशेष रेलगाड़ियों और विमानों से अपने गृह नगर पहुंचे लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। महाराष्ट्र ने लॉकडाउन का समर्थन किया।
महाराष्ट्र ने मुंबई और उसके उपनगरीय इलाकों और पुणे में सख्त लॉकडाउन का समर्थन किया है। साथ ही अंतर-राज्यीय और अंतर जिला परिवहन पर राज्य पूरी तरह से रोक के पक्ष में है।

ये राज्य लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में

प्रवासी कामगारों के राज्य में आने के बाद बिहार, झारखंड और ओडिशा में कोविड-19 के मामले बढ़े हैं। ऐसे में ये राज्य लॉकडाउन को जारी रखने और लोगों की आवाजाही पर कड़ाई से रोक लगाने के पक्ष में हैं।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश सिंह बघेल ने प्रधानमंत्री मोदी से आह्वान किया है कि राज्य की सीमाओं को प्रवासी कामगारों और आवश्यक सामग्रियों के अलावा किसी और के लिए नहीं खोला जाए।

असम के मुख्यमंत्री अरविंद सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि राज्य ने लॉकडाउन को दो हफ्ते और बढ़ाने के लिए केंद्र को पत्र लिखा है। बिहार, तमिलनाडु और कर्नाटक उन राज्यों में हैं जो रेल और हवाई सेवा को कम से कम मई के अंत तक बहाल करने के पक्ष में नहीं है।

ये राज्य लॉकडाउन में ढ़ील देने के पक्ष में

गुजरात अहम शहरी केंद्रों में आर्थिक गतिविधि शुरू करना चाहता है। दिल्ली, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और केरल भी आर्थिक गतिविधियों को दोबारा बहाल करने के पक्ष में हैं।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि केंद्र 17 मई के बाद लॉकडाउन में रियायत की घोषणा करेगा।
अरुणाचल प्रदेश सरकार ने 18 मई से विभिन्न स्थानों के लिए राज्य परिवहन की बस सेवा को बहाल करने का फैसला किया है जबकि हरियाणा रोडवेज चुनिंदा रूटों पर परिचालन शुरू कर चुका है।

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