छत्तीसगढ

राज्यपाल को झीरम घाटी जांच आयोग की रिपोर्ट सौंपी गई

रायपुर, 6 नवम्बर। राज्यपाल अनुसुईया उइके को झीरम घाटी जांच आयोग की रिपोर्ट सौंपी गई। यह रिपोर्ट आयोग के सचिव एवं छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार (न्यायिक) संतोष कुमार तिवारी ने सौंपी।

यह प्रतिवेदन 10 वाल्यूम और 4184 पेज में तैयार की गई है। यह आयोग छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा के अध्यक्षता में गठित की गई थी। श्री मिश्रा छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश भी थे तथा वर्तमान में आंध्रप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश है।

झीरम घाटी की घटना 25 मई 2013 को हुई थी। इस घटना की जांच के लिए आयोग का गठन 28 मई 2013 को किया गया था।

उल्लेखनीय है कि 25 मई 2013 को कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के काफिले पर बस्तर की झीरम घाटी में नक्सलियों ने हमला कर दिया था। जिसमें वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं समेत कुल 27 लोगों की मौत हो गई थी। इस विभत्स हत्याकांड में कांग्रेस ने अपनी पहली पंक्ति के नेताओं विद्याचरण शुक्ल, नंद कुमार पटेल और महेंद्र कर्मा को खोया था। इस जनसंहार ने भारत देश समेत संपूर्ण विश्व को बस्तर में पनप रहे माओवाद की हिंसक तस्वीद दिखा दी थी।

झीरम घाटी में नक्सलियों ने तत्कालीन कांग्रेस विधायक नंदकुमार पटेल के काफिले पर हमला किया था। जिसमें नंदकुमार सहित महेन्द्र कर्मा सहित अन्य लोग शहीद हो गए थे। इस घटना में पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल गंभीर रूप से घायल हुए थे। जिनका बाद में इलाज के दौरान निधन हो गया था।

 

 

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