Vidya Samiksha App : छत्तीसगढ़ में शिक्षा होगी और भी अनुशासित…! गोल मारने वाले शिक्षकों की अब खैर नहीं…मोबाइल एप्प से दर्ज करेंगे उपस्थिति

रायपुर, 23 सितंबर। Vidya Samiksha App : स्कूल शिक्षा विभाग, छत्तीसगढ़ शासन ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था को अधिक पारदर्शी, अनुशासित और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने के उद्देश्य से ‘विद्या समीक्षा एप्प’ लॉन्च किया है। यह मोबाइल एप्लिकेशन अब गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है और सभी शिक्षकों के लिए इसे डाउनलोड कर पंजीयन कर उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य कर दिया गया है।
इस एप्प की सबसे विशेष बात यह है कि इसमें जियो-फेंसिंग फीचर शामिल किया गया है, जिसके तहत शिक्षक केवल स्कूल परिसर के अंदर उपस्थित रहने पर ही अपनी उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे। यह तकनीक उपस्थिति प्रणाली को फुलप्रूफ बनाती है और घर से उपस्थिति दर्ज करने जैसी अनियमितताओं पर पूर्ण विराम लगाती है।
सभी विद्यालयों में कड़ाई से क्रियान्वयन के निर्देश
मंत्री गजेंद्र यादव (स्कूल शिक्षा, ग्रामोद्योग, विधि एवं विधायी कार्य विभाग) ने 4 सितंबर को समग्र शिक्षा की समीक्षा बैठक में इस एप्प को तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए थे। हाल ही में उन्होंने गुजरात का शैक्षिक अध्ययन दौरा भी किया, जहाँ तकनीकी नवाचारों का अवलोकन किया गया। गुजरात मॉडल से प्रेरणा लेते हुए छत्तीसगढ़ ने न केवल उसे अपनाया, बल्कि जियो-फेंसिंग जैसी एडवांस सुविधाओं के साथ और अधिक उन्नत प्रणाली तैयार की है।
महासमुंद, बेमेतरा, दंतेवाड़ा, सूरजपुर एवं रायगढ़ के जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे सभी विद्यालयों में इस प्रणाली के कड़ाई से क्रियान्वयन को सुनिश्चित करें और शिक्षकों को एप्प के उपयोग में आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करें।
रियल-टाइम उपस्थिति रिकॉर्ड
विद्या समीक्षा एप्प से शिक्षक और छात्र की उपस्थिति अब तुरंत ऑनलाइन दर्ज की जाएगी। स्कूलों में अनुशासन बेहतर होगा। गलत उपस्थिति पैटर्न पर अंकुश लगेगा। शैक्षणिक प्रगति की प्रभावी निगरानी की जाएगी। छात्रों की उपस्थिति और गतिविधियों का आकलन आसान हो जाएगा। तकनीक शिक्षकों को सशक्त बनाएगी। शिक्षकों को आधुनिक तकनीक से परिचित कराया जाएगा, जिससे उनकी कार्यकुशलता बढ़ेगी।
छत्तीसगढ़ शासन का मानना है कि यह पहल राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता (Vidya Samiksha App) सुधारने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। यह एप्प सिर्फ एक तकनीकी नवाचार नहीं, बल्कि एक दृढ़ प्रशासनिक निर्णय है, जो शिक्षा में पारदर्शिता और जवाबदेही को एक नई दिशा देगा।