Vikram TCR Seed: Good news for farmers! 67 hectares of improved rice seeds have been cultivated! They are safe even in storms... a boon for a district struggling with water scarcity... See the features here.Vikram TCR Seed

रायपुर, 24 सितम्बर। Vikram TCR Seed : धान की खेती में पानी की अधिक खपत और खराब मौसम से होने वाले नुकसान की समस्या के समाधान की दिशा में बेमेतरा जिला एक महत्वपूर्ण पहल कर रहा है। कृषि विभाग ने कम समय और कम पानी में अधिक उपज देने वाली धान की एक विशेष किस्म ‘विक्रम टीसीआर’ का बीज उत्पादन शुरू किया है, जो किसानों को अधिक लाभदायक और सुरक्षित विकल्प उपलब्ध कराएगा।

बेमेतरा के कृषि उप संचालक मोरध्वज डड़सेना ने जानकारी देते हुए बताया कि ‘विक्रम टीसीआर’ धान की एक ऐसी उन्नत किस्म है जो केवल 125 से 130 दिनों में तैयार हो जाती है। इससे इसकी पानी की खपत काफी कम होती है। इस किस्म की प्रति हेक्टेयर उत्पादन क्षमता 60 से 70 क्विंटल तक है, जो परंपरागत किस्मों की तुलना में अधिक है।

विशेषताएं

  • कम लंबाई के कारण यह फसल तेज हवा, बारिश और आंधी-तूफान में गिरने से बची रहती है।
  • बेहतर मौसम प्रतिरोधक क्षमता और जल संरक्षण की दृष्टि से उपयुक्त।
  • किसानों को बीज निगम के माध्यम से अधिक मूल्य में बिक्री का अवसर।

इस वर्ष जिले के 67 हेक्टेयर क्षेत्र में इस किस्म का बीज उत्पादन किया जा रहा है। आदिवासी ग्राम झालम जैसे क्षेत्रों में भी किसानों ने पहली बार इस किस्म के बीजोत्पादन का कार्य आरंभ किया है। बीजों को तैयार कर अगले वर्ष जिले के अन्य किसानों को वितरित किया जाएगा।

श्री डड़सेना ने यह भी बताया कि पिछले वर्ष 16 हेक्टेयर में सुगंधित धान की किस्म ‘सीजी देवभोग’ का बीज तैयार किया गया था। इस वर्ष ‘सीजी देवभोग’ के साथ-साथ ‘विक्रम टीसीआर’ का बीज भी अधिक मात्रा में उत्पादित किया जा रहा है। इससे बेमेतरा जिला धान की नवीन किस्मों के बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा।

जल संकट से जूझते जिले के लिए वरदान

बेमेतरा जिला जल संकट की दृष्टि से रेड जोन में शामिल है। जिले के साजा को सेमी-क्रिटिकल और बेमेतरा, बेरला, नवागढ़ को क्रिटिकल जोन में रखा गया है। ऐसे में कम पानी की खपत वाली ‘विक्रम टीसीआर’ जैसी किस्में खेती और जल संरक्षण, दोनों में अत्यंत लाभकारी सिद्ध होंगी।

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, यह पहल जिले में सतत कृषि प्रणाली को बढ़ावा देगी और किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के साथ-साथ जल संसाधनों के संरक्षण में भी मददगार होगी।

‘विक्रम टीसीआर’ न केवल किसानों के लिए एक बेहतर विकल्प (Vikram TCR Seed) है, बल्कि यह जल संकट से निपटने के लिए एक स्मार्ट एग्री-सोल्यूशन भी है। बेमेतरा जिला इस नई तकनीकी खेती से राज्य में प्रगतिशील कृषि मॉडल के रूप में उभर रहा है।

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