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केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का ट्विटर अकाउंट एक घंटे के लिए हुआ ब्लॉक, शशि थरूर ने कहा- मेरे साथ भी ऐसा हुआ

नई दिल्ली, 25 जून। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को ट्विटर कंपनी पर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ट्विटर ने आज लगभग एक घंटे के लिए उनके अकाउंट को ब्लॉक कर दिया। ट्विटर ने इसका कारण रविशंकर  प्रसाद द्वारा अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट का उल्लंघन करना बताया। हालांकि, बाद में ट्विटर ने चेतावनी देते हुए रविशंकर प्रसाद के अकाउंट को फिर से खोल दिया। इसकी जानकारी उन्होंने ‘कू’ पर दी है। वहीं, इसी बीच कांग्रेस नेता और आईटी पर संसदीय समिति के अध्यक्ष शशि थरूर का ट्विटर अकाउंट भी ब्लॉक किए जाने की बात सामने आई है। इसकी जानकारी उन्होंने ट्वीट के माध्यम से दी है।

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अपना अकाउंट ब्लॉक किए जाने की जानकारी ट्विटर पर देते हुए वह वीडियो भी साझा किया है जिसको लेकर ट्विटर ने उनके अकाउंट को ब्लॉक कर दिया था। थरूर ने कहा है कि ट्विटर से इसका जवाब मांगा जाएगा। शुक्रवार को ट्विटर ने अमेरिकी कानून के उल्लंघन का आरोप लगाकर रविशंकर प्रसाद के अकाउंट को एक घंटे के लिए ब्लॉक कर दिया था।

अपना अकाउंट ब्लॉक किए जाने की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को कहा कि दोस्तों आज बहुत ही अजीब घटना हुई। ट्विटर ने मेरे अकाउंट को एक घंटे के लिए ब्लॉक कर दिया।

रविशंक प्रसाद ने शेयर किए दो स्क्रीनशॉट

इसके साथ ही केद्रीय मंत्री ने अपने ट्वीट में दो स्क्रीनशॉट भी शेयर किए हैं। पहले स्क्रीनशॉट में ट्विटर ने वह कारण बताया है जिसकी वजह से अकाउंट का एक्सेस बंद किया गया। दूसरे स्क्रीनशॉट में अकाउंट एक्सेस मिल जाने की जानकारी दी गई है। इस पूरी घटना को लेकर केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ट्विटर पर जमकर बरसे उन्‍होंने कहा कि यह मनमानी की हद है।

ट्विटर द्वारा अकाउंट का एक्सेस बंद करने का कारण बताया है कि ‘आपका अकाउंट ब्लॉक किया जा रहा है क्योंकि आपके ट्वीटर अकाउंट पर एक कंटेंट की पोस्टिंग को लेकर हमें डिजिटल मिल्लेनियम कॉपीराइट एक्ट के तहत शिकायत मिली है।’

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का ट्विटर अकाउंट दोबारा खोलते हुए ट्विटर ने कहा कि आपका अकाउंट अब इस्तेमाल किया जा सकता है। कृपया ध्यान रखें कि अगर आगे भी DMCA नोटिस आते हैं तो आपका अकाउंट सस्पेंड किया जा सकता है।

इस पर ट्विटर के प्रतिनिधियों ने कहा कि हम अपनी पॉलिसी को फॉलो करते हैं, जो देश के कानून के अनुसार है। इस दलील पर समिति ने आपत्ति जताते हुए कंपनी से तल्ख लहजे में कहा कि हमारे यहां देश का कानून सबसे बड़ा है, आपकी पॉलिसी नहीं।

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