कॉलोनी विकास की अनुमति के लिए आवेदक को नही भटकना पड़ेगा, सिंगल विंडो से 100 दिन में होंगे काम
रायपुर, 2 जून। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा कालोनी विकास की प्रक्रिया को सरल करने हेतु एकल खिड़की प्रणाली की घोषणा की गई है। इसके लिए आवास एवं पर्यावरण विभाग को उक्त अनुमति की प्रक्रिया को पारदर्शी और सरलीकृत बनाये जाने हेतु नोडल विभाग बनाया गया था।
आवास एवं पर्यावरण् विभाग द्वारा एन.आई.सी के माध्यम से साॅफ्टवेयर तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री द्वारा एकल खिड़की प्रणाली के संचालन हेतु C.G. AWAAS (C.G. automated work flow and approval system) साॅफ्टवेयर का उद्घाटन किया गया। एकल खिड़की प्रणाली के सुचारू संचालन हेतु संबंधित विभागों द्वारा अधिनियम, नियमों में चाहे गये वांछित संधोधनों को अधिनियम, नियम में संशोधित किया गया। आवास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ आर्किटेक्ट इंजिनियर्स संबंधित नियमों के अधिकारियों के विस्तृत प्रशिक्षण हेतु समय-समय पर विभिन्न कार्यशाला एवं प्रशिक्षण आयोजित किया गया।
वर्तमान में रायपुर जिले में 25 मई से ऐसे सभी संबंधित विभाग जो इस प्रक्रिया से जुड़े हुए है वे अपने कार्यालय में आवासीय कालोनी के अनुज्ञा से संबंधित आवेदन लेना बंद कर दिए हैें।अब जिले में C.G. AWAAS के माध्यम से ही आवेदन जमा कराये जा सकते है।
संयुक्त संचालक नगर निवेश रायपुर ने बताया कि जिले में शासन के निर्देशानुसार एकल खिड़की प्रणाली के तहत
समस्त अनुमति 100 दिवस के अंदर पूर्ण कर लिया जाएगा। कालोनाईजर, आवेदक द्वारा अपने स्वामित्व की भूमि की चतुर्रसीमा के अंतर्गत खसरे को एंकीकृत कर प्रस्तुत नहीं किये जाने पर खसरा एकीकरण हेतु 40 दिन का अतिरिक्त समय दिया जाएगा । इस प्रक्रिया के तहत आवेदक को बार-बार किसी भी दफ्तर में जाने की आवश्यकता नहीं होगी। अब सभी स्वीकृतियां एकल खिड़की के माध्यम से पूरा किया जा रहा है। भू-व्यपवर्तन प्रमाण पत्र, अनुमोदित अभिन्यास, कालोनी विकास की अनुमति, कालोनी के विकास हेतु आवेदन छत्तीसगढ़ के किसी भी स्थान से servlce plus portal के माध्यम से C.G. AWAAS द्वारा किया जा सकेगा।
शासन द्वारा प्रत्येक जिले के अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी को सक्षम प्राधिकारी नोडल अधिकारी नियुक्त किया है । प्रत्येक आवेदन अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी के माध्यम से संबंधित विभागों को अग्रिम कार्यवाही हेतु अग्रेषित किया जाएगा तथा संबंधित विभागों से अनुमति प्राप्त होने पर अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी के माध्यम से ही सभी विभागों की अनुमतियों की अंतिम स्वीकृति प्रदान किया जाएगा।
आवेदक के पोर्टल पर एस.एम.एस के माध्यम से आवेदक को प्रकरण की स्थिति की जानकारी समय-समय पर होती रहेगी। प्रक्रिया की पुनर्रावृत्ति नही होगी एवं अधिकारियों की जवाबदारी निश्चित होगी। प्रक्रिया में पारदर्शिता आयेगी और नयी तकनीक से समय की बचत होगी।
जिले से संबंधित कलेक्टर द्वारा उपरोक्त प्रक्रिया के तहत प्राप्त आवेदनों की समीक्षा जिले के प्रत्येक समय-सीमा की बैठक में किया जाएगा। समय-समय पर नगर निगम, हाउसिंग बोर्ड, राजस्व् विभाग के अधिकारी छत्तीसगढ़ के सदस्य आर्किटेक्टर्स टाउन प्लानरर्स एवं इंजीनियरर्स को ट्रेनिंग दिया जा रहा है।