छत्तीसगढ

बुजुर्गों का करें सम्मान, रखें उनका विशेष ध्यान, बाहर पार्क में घूमने -फिरने से रोंके, घर पर भी स्वच्छता का रखें खास ख्याल

रायपुर। कोरोनावायरस का खतरा सबसे अधिक बुजुर्गों और बच्चों को है, क्योंकि उनकी रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता सामान्य लोगों की तुलना में कम होती है। कुछ बुजुर्ग चलने फिरने में असमर्थ होने की वजह से बाहर आना जाना कम करते हैं और जो शारीरिक रूप  से सक्रिय हैं उन्हें घर के बाहर पार्क या फिर अन्य स्थानों पर घूमने-फिरने में आनंद आता है। इस दौरान उन्हें कोरोनावायरस के संक्रमण का खतरा ज्यादा है। इसलिए इस दौरान उन्हें इसे रोक कर उनपर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

डॉ. स्मित श्रीवास्तव विभागाध्यक्ष कॉर्डियोलॉजी और मनोचिकित्सक डॉ. सोनिया परियल का कहना है यह ऐसा समय है जब हर किसी को अपनी भूमिका निभाने की जरूरत है। चिकित्सकीय सलाह के साथ-साथ बुजुर्गों और बच्चों को आत्मीयता और घर के लोगों की सहानुभूति और प्यार की भी जरूरत है। दूसरे शब्दों में उन्हें विशेष देखभाल के साथ-साथ कोरोनावायरस से लड़ने में क्या चीजें मददगार हैं , इन्हें बताने और समझाने की आवश्यकता है। इसलिए घर के लोगों को धैर्य के साथ शांत रहकर बुजुर्गों की देखभाल सक्रियता से करनी चाहिए।

इस तरह रखें विशेष ध्यान-

– बुजुर्गों को इधर-उधर घूमने से बचना चाहिए।

– यदि बाहर निकल गए हैं ( अपने घर के आस-पास) तो घर के अंदर घुसने के पहले हाथों को साबुन पानी से अच्छी तरह से साफ करना चाहिए।

– पार्क या गार्डन में घूमने से परहेज करना चाहिए।

– घर की सीढ़ियां यदि चढ़ रहे हैं तो रेलिंग को बिना पकड़े ही सावधानी पूर्वक चढ़ना चाहिए।

– यदि छड़ी उपयोग करते हैं तो उस छड़ी को घर आते ही पानी और साबुन से धोना चाहिए।

– जूते-चप्पल बाहर निकालें या घर के चप्पल को बाहर पहनकर ना जाएं।

– सुबह की सैर करने की आदत को कुछ दिन के लिए टालें। जरूरी हो तो घर में ही घूम लें।

– भजन सुनें, समाचार सुनें, आध्यात्मिक किताबें पढ़ें या फिर आध्यात्मिक गुरूओं की वाणी सुनें।

– घर के बच्चों को कहानियां सुनाएं और उनके साथ लूडो या अन्य कोई खेल खेलें।

– ध्यान या फिर थोड़ी सी कसरत करें।

– सुपाच्य भोज्य पदार्थों जैसे खिचड़ी, दलिया खाएं, दूध, फल और जूस लें।

– गर्म पानी पीने और सर्दी-खांसी ना हो इसका विशेष ध्यान दें।

– हाथों को समय-समय पर धोएं तथा कपड़ों को भी यदि बाहर से आएं हैं तो बदल लें।

विशेष एहतियात जरूरी – डॉ. स्मित श्रीवास्तव के मुताबिक बुजुर्गों में कोरोनावायरस की वजह से मृत्यु दर ज्यादा है इसलिए उनपर विशेष ध्यान की आवश्यकता है। विशेषकर ऐसे बुजुर्ग जिन्हें, दमा, हार्ट, मधुमेह और गुर्दे की बीमारी है। उन्हें लोगों से मेल-मिलाप नहीं करना चाहिए। नवरात्रों में उपवास से बचना चाहिए, सुपाच्य भोजन के साथ ही पूरी तरह से पका हुआ भोजन ही खाना चाहिए । बहुत देर से रखा हुआ या बासी भोजन खाना नहीं चाहिए। घर में ही रहना चाहिए तथा घर के उन सदस्यों से मेल मिलाप भी नहीं रखना चाहिए जो बाहर आ और जा रहे हैं।

चिंता, तनाव और अनिश्चितता जैसी भावनाएं ना लाएं  – कोरोनावायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचने रखी जाने वाली सावधानियों की वजह से उम्रदराज लोगों में थोड़ी, चिड़चिड़ाहट, झुंझलाहट, चिंता, तनाव और अनिश्चितता जैसी भावना आ जाती है। ऐसे में उन्हें शांत और सक्रिय रहकर समझाना आवश्यक है। उन्हें भी बच्चों जैसा प्यार, अपनापन और दुलार यदि इस दौरान दिया जाए तो उनके अंदर इस तरह की भावना नहीं पनपती और वह अंदर से भी मजबूत होने लगते हैं। बुजुर्गों की स्वच्छता और खान-पान पर भी इस दौरान विशेष ध्यान देना चाहिए।

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