भारत ने कहा- दूसरे देशों को वैक्सीन का निर्यात घरेलू मांग पर निर्भर, टीकाकरण कार्यक्रम हमारी प्राथमिकता
नई दिल्ली, 25 जून। भारत ने गुरुवार को कहा कि हमारा मानना है कि कोरोना वैक्सीन का निर्यात घरेलू जरूरतों पर निर्भर करेगा। इसके साथ ही देश में चल रहे टीकाकरण में स्वदेशी (मेड इन इंडिया) वैक्सीन को प्राथमिकता देने की बात कही है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची का यह दावा आनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में भारत से बांग्लादेश को टीकों के संभावित निर्यात पर मीडिया रिपोर्टो पर पूछे गए सवाल के जवाब में आया।बागची ने कहा कि वैक्सीन निर्यात के मुद्दे पर हमारी स्थिति सुसंगत और स्पष्ट रही है। हमने हमेशा कहा है कि भारत से टीकों की विदेशी आपूर्ति टीके की उपलब्धता और हमारे घरेलू टीकाकरण कार्यक्रम पर निर्भर करेगी।
उन्होंने कहा कि फिलहाल हमारी प्राथमिकता अपने टीकाकरण कार्यक्रम के लिए मेड-इन-इंडिया टीकों का उपयोग करने की है। जैसा कि आप जानते हैं कि इस सप्ताह के शुरू में 21 जून को शुरू किए गए टीकाकरण के नए चरण के साथ इसे बढ़ावा मिला है।बागची ने कहा कि भारत अपने घरेलू वैक्सीन उत्पादन को और बढ़ाने के लिए भी प्रयास कर रहा है।यह पूछे जाने पर कि भारत में फाइजर का टीका कब उपलब्ध होगा, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत सरकार देश में वैक्सीन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए सभी प्रयास कर रही है, चाहे वह घरेलू उत्पादन हो या आयात। जहां तक विशिष्ट टीकों और भारत में उनके आयात की स्थिति का संबंध है, यह संबंधित नियामक प्राधिकरणों का मामला है।
बागची ने यह भी कहा कि भारत को उम्मीद है कि जैसे-जैसे देश में कोरोना की स्थिति में सुधार होगा, अन्य देश भारत के साथ यात्रा को सामान्य करने के लिए कदम उठाएंगे।उन्होंने कहा कि हमने इस संबंध में कुछ देशों की ओर से पहल देखी है। सरकार इस मुद्दे को प्राथमिकता देना जारी रखेगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से कोवैक्सिन के लिए आपात उपयोग की मंजूरी के संबंध में एक अलग प्रश्न के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हम इस मामले में बहुत सावधानी से आगे बढ़ रहे हैं।