मन की बात में बोले पीएम मोदी- 21 जून को हुआ रिकॉर्ड टीकाकरण, वैक्सीन नहीं लेना खतरनाक
नई दिल्ली, 27 जून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं। कार्यक्रम के 78वां संस्करण में पीएम मोदी ने टोक्यो ओलंपिक्य का जिक्र करते हुए मिल्खा सिंह को याद किया। पीएम ने कहा कि मिल्खा सिंह का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। मन की बात राष्ट्र के लिए प्रधानमंत्री का मासिक रेडियो संबोधन है, जो हर महीने के अंतिम रविवार को प्रसारित होता है। यह कार्यक्रम आकाशवाणी और दूरदर्शन के पूरे नेटवर्क पर प्रसारित किया जाता है।
Mann Ki Baat Updates:
हमारे देश में अब मानसून का सीजन भी आ गया है। बादल जब बरसते हैं तो केवल हमारे लिए ही नहीं बरसते बल्कि बादल आने वाली पीढ़ियों के लिए भी बरसते हैं। बारिश का पानी जमीन में जाकर इकठ्ठा होता है,जमीन के जलस्तर को भी सुधारता है इसलिए मैं जल सरंक्षण को देश सेवा का एक ही रूप मानता हूं: पीएम मोदी
कभी-ना-कभी ये विश्व के लिए केस स्टडी का विषय बनेगा कि भारत के गांव के लोगों, हमारे वनवासी-आदिवासी भाई-बहनों ने इस कोरोना काल में किस तरह अपने सामर्थ्य और सूझबूझ का परिचय दिया। गांव के लोगों ने क्वारंटीन सेंटर बनाए, स्थानीय जरूरतों को देखते हुए कोविड प्रोटोकॉल बनाए: पीएम मोदी
एक साल पहले सबके समाने सवाल था कि वैक्सीन कब आएगी? आज हम एक दिन में लाखों लोगों को मेड इन इंडिया वैक्सीन मुफ्त में लगा रहे हैं। यही तो नए भारत की नई ताकत है: पीएम मोदी
टोक्यो जा रहे हर खिलाड़ी का अपना संघर्ष रहा है, बरसों की मेहनत रही है। वो सिर्फ अपने लिए ही नहीं जा रहे हैं बल्कि देश के लिए जा रहे हैं। इन खिलाडियों को भारत का गौरव भी बढ़ाना है और लोगों का दिल भी जीतना है: पीएम मोदी
कोरोना के खिलाफ हम देशवासियों की लड़ाई जारी है, 21 जून को वैक्सीन अभियान के अगले चरण की शुरुआत हुई और उसी दिन देश ने 86 लाख से ज़्यादा लोगों को मुफ्त वैक्सीन लगाने का रिकॉर्ड भी बना दिया..वो भी एक दिन में: पीएम मोदी
शनिवार को प्रधानमंत्री ने एक पुराने मन की बात प्रकरण को साझा किया जिसमें नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर नशीली दवाओं के खतरे पर काबू पाने के कई पहलू शामिल थे। अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री ने लिखा, ‘ आइए, हम सब मिलकर नशे को लेकर सही जानकारी साझा करने और नशा मुक्त भारत की कल्पना को साकार करने की प्रतिबद्धता को दोहराएं। याद रखिए, नशा ना तो अच्छी चीज है और ना ही स्टाइल की अभिव्यक्ति।’