कोरोना वैक्सीन लेने के बाद भी डेल्टा वैरिएंट का खतरा बरकरार, मौत का जोखिम है कम- ICMR
नई दिल्ली, 19 अगस्त। कोरोना महामारी से बचाव के लिए अभी तक दुनिया भर में एकमात्र कोविड-19 वैक्सीन को ही पूरी तरह मान्यता दी गई है। लेकिन भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) का कहना है कि वायरस का डेल्टा वैरिएंट वैक्सीन लेने के बाद भी लोगों को संक्रमित कर सकता है। चेन्नई में ICMR ने एक अध्ययन किया जिसके नतीजे में इस बात का खुलासा हुआ है। अध्ययन के अनुसार यह वैरिएंट बगैर वैक्सीन लिए लोगों को तो अपने चपेट में लेगा ही साथ ही वैक्सीन की पर्याप्त खुराक ले चुके लोग भी इससे सुरक्षित नहीं हैं। हालांकि अध्ययन में इस बात पर जोर दिया गया है कि इससे संक्रमित वैक्सीनेटेड लोगों की मृत्यु का जोखिम कम है।
इस बीच भारत में SARS-CoV-2 टेस्टिंग का आंकड़ा 50 करोड़ हो गया। ICMR ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी और परिषद के लिए काम करने वाले स्टाफ, सहयोगी लैबोरेट्री, केंद्र व राज्य सरकार की ओर से मिलने वाली मदद का भी जिक्र किया।
India has completed 50 Crores SARS-CoV-2 tests across the country! This has been made possible with concerted efforts of ICMR staff, all partner laboratories, Central and State Govt! @mansukhmandviya @DrBharatippawar @mygovindia @MOHFW_INDIA @DeptHealthRes @PIB_India pic.twitter.com/YqDUACFYa7
— ICMR (@ICMRDELHI) August 19, 2021
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार अमेरिका और ब्रिटेन में भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिसमें डेल्टा संक्रमण से बचाव में वैक्सीन कारगर नहीं साबित हो रहे हैं। ICMR द्वारा किए गए इस अध्ययन के नतीजे 17 अगस्त को जर्नल ऑफ इंस्पेक्शन में प्रकाशित की गई। इसके अनुसार डेल्टा (B.1.617.2) वैरिएंट वैक्सीन ले चुके और बगैर वैक्सीन लेने वाले लोगों के दोनों समूहों में संक्रमण फैला रहा है। भारत में महामारी की दूसरी लहर का कारण डेल्टा वैरिएंट ही था। ICMR की इस अध्ययन के नतीजे में कई और रिसर्च का जिक्र है जिसमें कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन लेने वालों में भी इस वैरिएंट के कारण एंटीबडी क्षीण होने के बात कही गई है।