“गांधी और स्वराज” पर राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न
रायपुर। पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया रायपुर चैप्टर द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी “गांधी और स्वराज” का रविवार को समापन हुआ। दो दिनों तक चले कार्यक्रम मेें तीन तकनीकी सत्र में गांधी के स्वराज पहलूओं पर चर्चा एवं परिचर्चा का आयोजन किया गया। साथ ही 40 से अधिक शोध पत्र, शोध लेखों का वाचन किया गया।
कार्यक्रम के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रुप में रायपुर के आयुक्त और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति जी.आर. चुरेंद्र (आई.ए.एस) मौजदू रहे। उन्होंने कहा कि “गांधी जी का स्वराज समग्र राष्ट्र को एक गांव मानता है उनका दर्शन ग्राम स्वराज की परिकल्पना पर केंद्रित था। चुरेंद्र ने कहा की गांधी के स्वराज के विचारों को समझने के लिए हमें केवल उनके दर्शन को पढ़ना ही नहीं उसे जीने की आवश्यकता है। गांधी के तथ्यात्मक स्वराज को प्राप्त करने के लिए हमें अपने जल, जंगल और जमीन को बचाने की जरूरत है। साथ ही हर व्यक्ति को कर्मठता से अपने दायित्व को निभाने की आवश्यकता है।
विशिष्ट अतिथि के रुप में पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. गिरीश कांत पांडे मौजूद रहे उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमें बापू के साथ बा को भी याद करना चाहिए और गांधी के बचपन की यात्रा को बताया।
वही अध्यक्षता भाषण में आई.सी.एफ.ए.आई विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.(डा.) एल.एस. निगम रहे उन्होंने गांधी के जीवन के तीन बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया। पहला संत और राजनेता, सुभाष और गांधी की तुलना, स्वदेश और स्वराज को हम अलग-अलग देखते पर स्व का अर्थ सबका हित है। जिसे अलग नहीं समझना चाहिए। गांधी के अन्य पहलूओं को समझाते हुए कहा कि गांधी कहते हैं कि मेरे पहले शब्दों को कभी मत मानो, हमेशा मेरे अंतिम शब्द को स्वीकार करो।
प्रो. (डॉ.) संजीव भनावत, डॉ. सुधीर शर्मा, डॉ. अजीत पाठक, डॉ. गोपा बागची और डॉ. श्रीकांत सिंह सत्र के विशिष्ट अतिथियों के रुप में मौजूद रहे। सम्मेलन की रिपोर्ट पी.आर.एस.आई रायपुर चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. शाहिद अली ने प्रस्तुत की। सम्मेलन में जनसंपर्ककर्मी, पत्रकार, शोधार्थी व देश भर के मीडिया अकादमियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
सभी पेपर प्रस्तुतकर्ता और प्रतिभागी को सत्र के अंत में प्रमाण पत्र वितरण किया गया। वही छत्तीसगढ़ मित्र पत्रिका के गांधी विशेषांक का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन प्रो. (डॉ.) आर.के. ब्राह्मे ने दिया। संगोष्ठी में पी.आर.एस.आई रायपुर चैप्टर के सचिव संजीव शर्मा, कोषाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र मोहंती और पी.आर.एस.आई रायपुर चैप्टर के सभी सदस्य उपस्थित थे।