नान घोटाले में शिवशंकर भट्ट का सनसनीखेज खुलासा, विस्फोटक शपथपत्र से प्रदेश की सियासत में आया भूचाल
रायपुर। पूर्व cm डॉ. रमन सिंह सहित bjp के कई कद्दावर मंत्रियों के सितारे इन दिनों गर्दिश में है। अभी मंतूराम धमाके की आवाज़ शांत हुई नहीं कि नान घोटाला का मुख्य आरोपी शिवशंकर भट्ट का विस्फोटक शपथ पत्र ने प्रदेश की सियासत को हिलाकर रख दिया।
घोटाल के मुख्य आरोपी शिवशंकर भट्ट ने शपथ पत्र देकर घोटाले से संबंधित सनसनीखेज खुलासा किया है। भट्ट ने शपथ पत्र देकर पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह, पूर्व खाद्य मंत्री को घोटाले का मास्टरमाइंड बताया है। वहीं कई अधिकारियों पर भी घोटाले में शामिल होने के आरोप लगाये हैं। भट्ट ने पूर्व सीएम का नाम लेते हुए कहा कि तीन हजार करोड़ के इस घोटाले में सबसे बड़े षडयंत्रकारी पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह थे।
भट्ट ने शपथपत्र में कहा है कि 2013 के चुनाव के पहले डा. रमन सिंह और पुन्नूलाल मोहिले ने नान के तत्कालीन चेयरमेन लीलाराम भोजवानी को चुनावी फंड के लिए आदेश दिया था, जिसके बाद बीजेपी के एकाउंटेंट जैन के पास पांच करोड़ रूपए जमा कराए गए थे। बीजेपी ने विधानसभा चुनाव नान के पैसे से ही लड़ा है। सीएम हाउस तक रकम पहुंचती थी। शपथ पत्र यह दावा किया गया है कि 21 लाख फर्जी राशन कार्ड बनाए गए। और विधानसभा में घोषणा के बावजूद कार्ड जारी रखे गए, इससे तीन हजार करोड़ सालाना की चपत लगी। शपथ में लिखा गया है कि, दस हजार करोड़ की सब्सिडी जारी कर दी गई जिसका ऑडिट ही नही हुआ।
यह राशि चना और दाल सप्लायर्स और कुछ बड़े राइस मिलर्स को मजबूर कर चुनावी चंदा के लिए हासिल किया गया था। भट्ट ने कहा कि उसकी मौजूदगी में सप्लायर्स ने यह राशि खुद बीजेपी कार्यालय जाकर जमा किया था, उस वक्त वहां धरमलाल कौशिक, सच्चिदानंद उपासने समेत बड़े पदाधिकारी मौजूद थे। भट्ट ने यह भी बताया है कि अक्टूबर 2013 में लीलाराम भोजवानी के साथ वह पुन्नूलाल मोहिले के निवास में एक करोड़ रूपए चुनावी चंदा पहुंचाने गया था। इसके बाद फरवरी 2014 में नान के तत्कालीन एमडी कौशलेंद्र सिंह ने सीएम हाउस जाकर डाक्टर रमन सिंह की पत्नि वीणा सिंह को तीन करोड़ रूपए दिए गए थे। उस वक्त ही कौशलेंद्र सिंह ने वीणा सिंह की बहन रेणु सिंह के ऐश्वर्या रेसीडेंसी स्थित घर जाकर पांच लाख रूपए दिए। साथ ही कौशलेंद्र सिंह की ओर से समय-समय पर तत्कालीन मुख्यमंत्री के ओएसडी विक्रम सिसोदिया तक रकम पहुंचाई जाती रही।
12 सितंबर को बिलासपुर में सुनीता ठाकुर नोटरी द्वारा सत्यापित यह शपथ पत्र नान घोटाले को लेकर नए दावे करता है।इस शपथ पत्र में शिव शंकर भट्ट ने यह लिखा है कि, 2014 में नान के पास 9 लाख मिट्रिक टन धान था बावजूद इसके तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने विभागीय अधिकारियों पर दबाव देकर दस लाख मिट्रिक टन चावल का अतिरिक्त उपार्जन का आदेश दिया।डॉ रमन सिंह ने मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री के हैसियत से 236 करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति गारंटी जारी कर दी, जो कि विधि विरुद्ध है।
शपथ पत्र में दावा है कि डॉ रमन सिंह ने कहा कि इसमें आपत्ति करने की जरुरत नही है। हमें और पार्टी को लंबी चौड़ी रक़म मिलनी हैं और यदि आप लोग चाहेंगे तो आप लोगों को भी लंबी चौड़ी रक़म मिलेगी।यही बात तत्कालीन खाद्य मंत्री पुन्नील्ल मोहले के हवाले से भी लिखी गई है। शपथ पत्र यह दावा किया गया है कि 21 लाख फर्जी राशन कार्ड बनाए गए। और विधानसभा में घोषणा के बावजूद कार्ड जारी रखे गए, इससे तीन हजार करोड़ सालाना की चपत लगी। शपथ में लिखा गया है कि, दस हजार करोड़ की सब्सिडी जारी कर दी गई जिसका ऑडिट ही नही हुआ।