छत्तीसगढ

नार्को टेस्ट की राजनीति, कांग्रेस संचार विभाग के मुखर वक्ता शैलेश नितिन त्रिवेदी ने भाजपा से पूछे पांच सवाल

रायपुर। झीरम मामले में नार्को टेस्ट की दुहाई देने वाली भाजपा से कांग्रेस संचार विभाग के मुखर वक्ता शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पांच सवाल किया है।   उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह के समय हुए कुछेक बड़े घोटालों में शामिल प्रियदर्शिनी बैंक घोटाला है। अगर नार्को पर भाजपा का इतना ही भरोसा है तो भाजपा पहले यह तो बता दें कि प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले के नार्को टेस्ट का सच स्वीकार करती है या नहीं। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस पार्टी सरकार से अपील करती है कि वह इस नार्को टेस्ट की सीडी को तत्काल अदालत में पेश करके जांच को आगे बढ़ाए और भाजपा से अपील है कि वह जांच होने पर अपने कार्यकाल की जांच पर बदलापुर-बदलापुर कहकर कराहना और झूठी आहें भरना बंद करे।
दरअसल, इन दिनों नार्को टेस्ट पर सियासी घमासान चरम पर है। एक ओर पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने झीरम कांड को लेकर आबकारी मंत्री कवासी लखमा क नार्को टेस्ट करवाने की बात कही है तो, दूसरी ओर इस बयान पर
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पलटवार करते हुए, झीरम कांड घटना के समय मुख्यमंत्री रहे डॉ. रमन सिंह सहित सरकार और पुलिस के जिम्मेदार लोगों के पहले नार्को टेस्ट कराने की बात कही है। वहीं इसका जबाव मंत्री कवासी लखमा ने झीरम घटना के समय मुख्यमंत्री रहे डॉ. सिंह के भी स्वयं का नार्को टेस्ट की बात कही है। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मंत्री कवासी लखमा के झीरम मामले में दिये गये बयानों का पुरजोर समर्थन करते हुये प्रदेश कहा है कि झीरम कांड पर नार्को टेस्ट की बात कर रही भाजपा पहले ये तो बताएं कि, क्यों इस नार्को टेस्ट की रिपोर्ट थाने से अदालत तक भाजपा के शासनकाल में नहीं पहुंचाया गया। उन्होंने आगे कहा, क्यों पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने आज तक जवाब नहीं दिया कि घोटाले के मुख्य अभियुक्त उमेश सिन्हा ने करोड़ रूपए देने की जो बात कही उसमें कितने सच्चाई है। उन्होंने सवाल किया कि क्या, डॉ. सिंह जी के मंत्रियों को करोड़ों रूपए घोटाले को दबाने के लिए दिया गया या वही घोटाला था।

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