छत्तीसगढ

निजी स्कूलों पर सरकार का कड़ा रुख: अगर कोई निजी स्कूल टीसी नहीं देता तो बिना टीसी के ही सरकारी स्कूलों में होगा एडमिशन रायपुर

निजी स्कूलों के जनरल प्रमोशन से इनकार और बिना फीस टीसी न देने के फैसले को लेकर राज्य सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। सरकार के दो मंत्रियों ने स्कूल संचालकों को कड़े निर्देश देते हुए कहा कि सरकार का फैसला उन्हें मानना ही होगा।

शिक्षा मंत्री प्रेम सिंह टेकाम ने कहा कि प्रदेश के स्कूलों के लिए जो आदेश जारी हुआ है, उसका पालन करना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूल जब जनरल प्रमोशन नहीं देंगे, तब कार्रवाई की जाएगी। छात्रों के भविष्य का सवाल है, प्राइवेट स्कूलों को आदेश का पालन करना ही होगा।

वहीं प्रमुख सचिव शिक्षा आलोक शुक्ला का कहना है कि अगर निजी स्कूल बच्चों को टीसी नहीं देते हैं तो इसके बगैर ही सरकारी स्कूलों में बच्चों को प्रवेश देंगे। बच्चों की पढ़ाई का नुकसान नहीं होने देंगे।

दरअसल कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य शासन ने पिछले दिनों दसवीं और बारहवीं को छोड़कर अन्य सभी स्कूली कक्षाओं में जनरल प्रमोशन दिया। यानी बिना परीक्षा के छात्र अगली कक्षा में प्रमोट कर दिए गए। गत बुधवार को राजधानी में छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक हुई। इसमें स्कूलों ने निर्णय लिया कि जिन पैरेंट्स ने पिछले साल फीस नहीं दी है और इस संबंध में जायज कारण नहीं बताया है। उन्हें नए शिक्षा सत्र में नहीं पढ़ाएंगे। छात्रों को मार्कशीट व टीसी भी नहीं देंगे। निजी स्कूलों के इस निर्णय का पैरेंट्स विरोध कर रहे हैं।

निर्णय मानना होगा: चौबे
इससे पहले कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने भी कहा कि शासकीय हो या निजी स्कूल सरकार का निर्णय तो मानना ही होगा। अगर निजी स्कूलों को कोई समस्या है, तो वह अपनी बात रख सकते हैं। सरकार ने जनरल प्रमोशन का निर्णय लिया है, उसका पालन करना अनिवार्य है।

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