‘पढई तुंहर दुआर’ को इंटरनेट-स्मार्टफोन विहीन आबादी तक पहुंचाने दिए कई सुझाव, भारत सरकार ने भी की सरहाना
रायपुर। छत्तीसगढ़ के समग्र शिक्षा परियोजना स्वीकृति बोर्ड ने बुधवार को विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक ली। इसमें छत्तीसगढ़ के समग्र शिक्षा के सत्र 2020-21 के वार्षिक कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा की गई। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ.आलोक शुक्ला के द्वारा छत्तीसगढ़ में चल रहे नवाचारी कार्यक्रम ‘पढई तुन्हर दुआर’ के गतिविधियों के बारे में प्रभावी ढंग से प्रस्तुति दी। वही समग्र शिक्षा के मिशन डायरेक्टर जितेन्द्र कुमार शुक्ला ने पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। छत्तीसगढ़ के परिप्रेक्ष्य में जहां आज भी बहुत से ऐसे क्षेत्रों जहां इंटरनेट- स्मार्टफ़ोन रहित आबादी में किस तरह उन जगहों पर विभिन्न वैकल्पिक तरीकों से शिक्षा का अलख जगा सके, इस पर विस्तृत जानकारी साझा की। जिसमें उन्होंने बताया कि, मोटरसाइकल गुरूजी, ब्लूटूथ फ़ोन, आडियो सामग्री, टेलीविजन, दूरदर्शन से बच्चो के लिए शिक्षा व्यवस्था जारी रखने के विभिन्न नवाचारी सुझाव दिए गए। जिसका भारत सरकार के अधिकारियो ने सराहना की और कहा कि इस कार्यक्रम को छत्तीसगढ़ के आकांक्षी जिलो में क्रियान्वित करने पर बल दिया। भारत सरकार के अधिकारियो ने लॉकडाउन अवधि में मितव्ययता के चलते केवल प्रत्येक स्तर पर प्राथमिक कार्यो को ही फोकस करने के निर्देश दिए।
तीन घंटे चली इस ऑनलाइन बैठक में वरिष्ठ अधिकारियो राज्य शासन के स्कूल शिक्षा विभाग की भी उपस्थिति रही। इस बैठक में लॉकडाउन के चलते बच्चो के अध्ययन अध्यापन की निरन्तरता हेतु चर्चा की गई। राज्य की वर्तमान परिस्थितियों खासतौर पर नक्सल प्रभावित क्षेत्रो सहित अन्य विषयों पर विस्तार से समीक्षा की गई।
समग्र शिक्षा के परियोजना स्वीकृति बोर्ड की विडियो कांफ्रेंसिंग बैठक में भारत सरकार की स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की सचिव अनीता कारवाल,स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला, स्कूल शिक्षा विभाग सचिव आशीष भट्ट, संचालक समग्र शिक्षा जितेन्द्र कुमार शुक्ला, एससीईआरटी के एडिशनल डायरेक्टर आर.एन. सिंह, जॉइंट डायरेक्टर योगेश शिवहरे, समग्र शिक्षा के डिप्टी डायरेक्टर डी.के.कौशिक, असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ.एम.सुधीश सहित सभी अधिकारी उपस्थित रहे।