छत्तीसगढ

भौतिकतावादी लोकायत दर्शन व भारतीय चिंतन परंपरा पर मंथन में जुटें दिग्गज

रायपुर। शहीदे आज़म भगत सिंह के जन्मदिवस, शहीद शंकर गुहा नियोगी के शहादत दिवस तथा प्रोफेसर देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय की जन्म शताब्दी के अवसर पर भौतिकवादी लोकायत दर्शन पर वृदांवन हाल में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। ये आयोजन में क्रांतिकारी सांस्कृतिक मंच (कसम), जाति उन्मूलन आंदोलन, गुरु घासीदास सेवादार संघ (जी.एस. एस), सी.एन. एस. एस, एवं तथागत सन्देश के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य कोलकाता के वक्ता क्रांतिकारी सांस्कृतिक मंच एवं जाति उन्मूलन आंदोलन के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं रिवोल्ट पत्रिका के संपादक मंडल के सदस्य कामरेड शंकर दास थे एवं अध्यक्षता वरिष्ठ वामपंथी नेता सी.आर. बक्शी ने की।

कार्यशाला की शुरुआत शहीदे आज़म भगत सिंह, शहीद शंकर गुहा नियोगी व वामपंथी आंदोलन के संघर्षशील साथी कामरेड सनत कुमार प्रामाणिक के चित्रों पर माल्यार्पण व उन्हें श्रद्धांजलि देकर हुई। इस अवसर पर भारत के प्रसिद्ध मार्क्सवादी दार्शनिक एवं 1998 में भारत के तीसरे सर्वोच्च पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित प्रोफ़ेसर देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय के भौतिकतावादी लोकायत दर्शन पर विचारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने धार्मिक कट्टरपंथी, सांप्रदायिक, दक्षिणपंथी संघ परिवार व हिंदुत्ववादी ताकतों द्वारा फैलाये जा रहे कट्टरतावाद, अंधविश्वास, साम्प्रदायिकता व् फासीवाद का पर्दाफ़ाश करते हुए लोकायत दर्शन और वास्तविक भारतीय इतिहास और चिंतन परंपरा पर चर्चा करते हुए अपील किया कि झूठी कपोल-कल्पित कहानियों और ऋग्वेद, उपनिषद, ब्रम्हसूत्र, वेदांत के नाम पर ढोंगी बाबाओं और धर्मगुरुओं द्वारा फैलाई जा रही झूठी रूढ़िवादी, सड़ी गली, अवैज्ञानिक परंपराओं को त्यागकर गौतम बुद्ध, चार्वाक और लोकायत दर्शन का अध्ययन, चिंतन व् पालन की शुरुआत की जाए और वैज्ञानिक दृष्टिकोण तैयार किया जाए।

भारतीय इतिहास, समाज तथा संस्कृति के विकृतिकरण तथा साम्प्रदायिकरण तथा इस चिंताजनक स्तिथि में भारतीय दर्शन के महत्व और उसके प्रसार पर कामरेड तुहिन देव, महासचिव, क्रांतिकारी सांस्कृतिक मंच, साथी लखन सुबोध, संयोजक गुरु घासीदास सेवादार संघ, सांस्कृतिक कार्यकर्त्ता श्री समर सेनगुप्ता ने अपने विचार रखे। शहीद शंकर गुहा नियोगी की शहादत पर उन्हें याद करते हुए सी.एन.एस. एस के साथी अखिलेश एडगर ने उनके छत्तीसगढ़ के मजदूर आंदोलन को शक्तिशाली बनाने और उसे क्रांति की दिशा में आगे ले जाने पर चर्चा की। वामपंथी साथी बोधिसत्व चटर्जी ने अपने अभिन्न मित्र व् संघर्ष के साथी कामरेड सनत कुमार प्रामाणिक के क्रांतिकारी जीवन पर प्रकाश डालते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किया।

इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शहर के बुद्धिजीवी, युवा, विद्यार्थी, महिलाओं व् प्रगतिशील सामाजिक संगठनों के साथियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में श्री भोला चौधरी ने शोषण व् भेदभाव विहीन समानता पर आधारित समाज बनाने के विषय पर एक ग़ज़ल प्रस्तुत किया व् जनगायिका सुश्री बिपाशा राव व् शिबानी मोइत्रा ने जनगीत व् कविता पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के साथी तेजराम विद्रोही व आभार प्रदर्शन अखिल भारतीय क्रान्तिकारी विद्यार्थी संगठन के साथी रवि विनय ने किया।

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