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मन की बात में बोले PM मोदी- सभी परिवारों से मेरा आग्रह, कहानियों के लिए समय निकालिए, रिसर्च का बढ़िया काम हो जाएगा…

मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि हम कथा-शास्त्र को और अधिक कैसे प्रचारित करें, popular करें और हर घर में अच्छी कथा कहना अच्छी कथा बच्चों को सुनाना, ये जन-जीवन की बहुत बड़ी credit हो। ये वातावरण कैसे बनाएं, उस दिशा में हम सबने मिल करके काम करना चाहिए। पीएम ने कहा कि मैं जरूर आपसे आग्रह करूंगा परिवार में हर सप्ताह आप कहानियों के लिए कुछ समय निकालिए। पीएम ने आगे कहा कि आप देखिए कि परिवार में कितना बड़ा खजाना हो जाएगा, Research का कितना बढ़िया काम हो जाएगा, हर किसी को कितना आनन्द आएगा और परिवार में एक नई प्राण, नई उर्जा आएगी। विशेषकर, 1857 से 1947 तक, हर छोटी-मोटी घटना से, अब, हमारी नई पीढ़ी को, कथाओं के द्वारा परिचित करा सकते हैं। उसी प्रकार से हम एक काम और भी कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं कथा सुनाने वाले सबसे आग्रह करूँगा कि हम आजादी के 75 वर्ष मनाने जा रहें हैं, क्या हम हमारी कथाओं में पूरे गुलामी के कालखंड की जितनी प्रेरक घटनाएं हैं, उनको, कथाओं में प्रचारित कर सकते हैं! मुझे विश्वास है कि आप लोग ज़रूर इस काम को करेंगे।

महात्मा गांधी का अनुसरण किया होता तो आत्म निर्भर भारत अभियान की जरुरत ना पड़ती: मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा कि कुछ साल पहले कुछ राज्यों में फलों और सब्जियों को एपीएमसी अधिनियम के दायरे से बाहर किए जाने से अनेक किसानों को फायदा हुआ। उन्होंने कहा कि हमारे कृषि क्षेत्र ने कोविड-19 महामारी के दौरान अपने कौशल का प्रदर्शन किया है। आत्म-निर्भर भारत के निर्माण में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं किसान। खेती में तकनीक का इस्तेमाल बढ़ने से कृषि क्षेत्र को जबरदस्त फायदा होगा। यदि हमने महात्मा गांधी के आर्थिक दर्शन का अनुसरण किया होता तो आज ”आत्म-निर्भर भारत” अभियान की आवश्यकता न पड़ती।

कोविड-19 पर पीएम ने की खास अपील- दो गज की दूरी का नियम बचा सकता है आपको

पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कोरोना वायरस महामारी पर लोगों से खास अपील की। उन्होंने कहा कि कोरोना के इस कालखंड में मैं फिर एक बार आपको याद कराऊंगा, मास्क अवश्य रखें, फेस कवर के बिना बाहर ना जाएं। दो गज की दूरी का नियम आपको भी बचा सकता है, आपके परिवार को भी बचा सकता है। ये कुछ नियम हैं, इस कोरोना की खिलाफ, लड़ाई के हथियार हैं, हर नागरिक के जीवन को बचाने के मजबूत साधन हैं। पीएम ने कहा, ‘और हम ना भूलें, जब तक दवाई नहीं, तब तक ढ़िलाई नहीं।’

मन की बात में मोदी ने सुनाया दिलचस्प किस्सा

“माँ का प्यार क्या होता है, वात्सल्य क्या होता है, उस घटना को मैं कभी नहीं भूल सकता हूँ… आगे पढ़िए

दो अक्टूबर मां भारती के दो सपूतों का दिन: मोदी

02 अक्टूबर हम सबके लिए पवित्र और प्रेरक दिवस होता है। यह दिन माँ भारती के दो सपूतों, महात्मा गाँधी और लाल बहादुर शास्त्री को याद करने का दिन है। पूज्य बापू का जीवन हमें याद दिलाता है कि हम ये सुनिश्चित करें कि हमारा हर कार्य ऐसा हो, जिससे, ग़रीब से ग़रीब व्यक्ति का भला हो। गाँधी जी के आर्थिक चिंतन में भारत की नस-नस की समझ थी, भारत की खुशबू थी।

पीएम ने शहीद भगत सिंह को नमन किया

मैं, समस्त देशवासियों के साथ साहस और वीरता की प्रतिमूर्ति शहीद वीर भगतसिंह को नमन करता हूँ। क्या आप कल्पना कर सकते हैं, एक हुकूमत, जिसका दुनिया के इतने बड़े हिस्से पर शासन था, इसके बारे में कहा जाता था कि उनके शासन में सूर्य कभी अस्त नहीं होता। इतनी ताकतवर हुकूमत, एक 23 साल के युवक से भयभीत हो गयी थी। देखिये! हम भगत सिंह बन पायें या ना बन पायें, लेकिन, भगत सिंह जैसा देश प्रेम, देश के लिये कुछ कर-गुजरने का ज़ज्बा, जरुर, हम सबके दिलों में हो। शहीद भगत सिंह को यही हमारी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी।

फल और सब्जियों को APMC Act से बाहर कर दिया गया: मोदी

मुझे, कई ऐसे किसानों की चिट्ठियाँ मिलती हैं, किसान संगठनों से मेरी बात होती है, जो बताते हैं कि कैसे खेती में नए-नए आयाम जुड़ रहे हैं, कैसे खेती में बदलाव आ रहा है। लेकिन, 2014 में फल और सब्जियों को APMC Act से बाहर कर दिया गया, इसका, उन्हें और आस-पास के साथी किसानों को बहुत फायदा हुआ। उन्होंने बताया है कि कैसे एक समय था जब उन्हें मंडी से बाहर अपने फल और सब्जियाँ बेचने में बहुत दिक्कत आती थी। अगर वो मंडी से बाहर, अपने फल और सब्जियाँ बेचते थे, तो, कई बार उनके फल, सब्जी और गाड़ियाँ तक जब्त हो जाती थी।

पीएम मोदी ने कहानियों से की ‘मन की बात’ की शुरुआत, बोले- घुमंत थी मेरी जिंदगी

पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ की बात कार्यक्रम की शुरुआत कहानियों से की। उन्होंने कहा कि हर परिवार में कोई-न-कोई बुजुर्ग, बड़े व्यक्ति परिवार के, कहानियां सुनाया करते थे और घर में नई प्रेरणा, नई ऊर्जा भर देते हैं। उन्होंने कहा कि हमें जरुर एहसास हुआ होगा कि हमारे पूर्वजों ने जो विधायें बनाई थीं वो आज भी कितनी महत्वपूर्ण हैं और जब नहीं होती हैं तो कितनी कमी महसूस होती है। उन्होंने कहा कि ऐसी ही एक विधा जैसा मैंने कहा कि कहानी सुनाने की कला ‘story telling’ कहानियों का इतिहास उतना ही पुराना है जितनी कि मानव सभ्यता। पीएम ने कहा कि मैं अपने जीवन में बहुत लम्बे अरसे तक एक परिव्राजक (A wandering ascetic) के रूप में रहा। घुमंत ही मेरी जिंदगी थी। हर दिन नया गाँव, नए लोग, नए परिवार।

कहानी की दिशा में हम सबको मिलकर काम करना चाहिए: पीएम मोदी

“हम कथा-शास्त्र को और अधिक कैसे प्रचारित करें, popular करें, और, हर घर में अच्छी कथा कहना, अच्छी कथा बच्चों को सुनाना, ये जन-जीवन की बहुत बड़ी credit हो। ये वातावरण कैसे बनाएं, उस दिशा में हम सबने मिल करके काम करना चाहिए।”

कोरोना संकट ने परिवार को सदस्यों को आपस में जोड़ने का काम किया: पीएम

मेरे प्यारे देशवासियों, नमस्कार। कोरोना के इस कालखंड में पूरी दुनिया अनेक परिवर्तनों के दौर से गुजर रही है। आज, जब दो गज की दूरी एक अनिवार्य जरुरत बन गई है, तो इसी संकट काल ने, परिवार के सदस्यों को आपस में जोड़ने और करीब लाने का काम भी किया है।

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