राज्य सरकार कृषि क्षेत्र सहित इससे जुड़े हर उद्यम के विकास के लिए कृत-संकल्पित: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
रायपुर, 7 दिसम्बर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजधानी स्थित एक निजी होटल में छत्तीसगढ़ प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित वार्षिक सम्मेलन एवं अभिनंदन समारोह में शामिल हुए। समारोह में मुख्यमंत्री श्री बघेल को राइस मिलर्स एसोसिएशन द्वारा राज्य में कस्टम मिलिंग की प्रोत्साहन राशि 40 रूपए से बढ़ाकर 120 रूपए किए जाने पर अभिनंदन करते हुए स्मृति चिन्ह सौंपा गया।
इस अवसर पर सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चन्द्राकर, राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश रुंगटा, प्रमोद अग्रवाल, रोशन चन्द्राकर सहित प्रदेशभर से एसोसिएशन के पदाधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था में किसानों के साथ-साथ राइस मिलर्स का भी अहम स्थान है। इसकी मजबूती के लिए हमारी सरकार द्वारा किसानों के साथ-साथ राइस मिलरों को भी मजबूत करने के लिए हरसंभव पहल की जा रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ में कृषि क्षेत्र के चौतरफा विकास के लिए कृत-संकल्पित है। इसका आशय हम केवल किसानों की उत्पादकता और आय में बढ़ोत्तरी के लिए ही काम नहीं कर रहे है, बल्कि कृषि क्षेत्र से जुड़े हर उद्योग और उद्यम के विकास के लिए भी काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ में राजीव गांधी किसान न्याय योजना लागू होने के बाद हर साल धान का उत्पादन बढ़ रहा है। वर्ष 2018 में हम लोगों ने 80 लाख मीटरिक टन धान की खरीदी की थी, 2019 में हमने 83 लाख मीटरिक टन धान खरीदा, 2021 में 92 लाख मीटरिक टन धान की रिकार्ड खरीदी हुई।
इस साल हमारा अनुमान 1 करोड़ 05 लाख मीटरिक टन धान खरीदी का है। उन्होंने बताया कि हर बार की तरह कठिन चुनौतियों के बावजूद राज्य में रिकार्ड धान खरीदी का कार्य निरंतर जारी है। प्रदेश में किसानों से समर्थन मूल्य पर सुचारू रूप से धान खरीदी के लिए केन्द्र सरकार सवा पांच लाख गठान जूट बारदाने की मांग की गई है, लेकिन अभी तक केवल 86 हजार गठान जूट बारदाने की आपूर्ति की गई है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि राइस मिलों का सीधा संबंध हमारे खेतों से हैं। राइस मिलों की समस्याएं भी कृषि क्षेत्र से जुड़ी हुई समस्याएं ही हैं। इसीलिए हमने वादा किया था कि राइस मिलों से जुड़ी हर समस्या का निराकरण पूरी संवेदना और प्राथमिकता के साथ किया जाएगा। हमने अपने वादे को पूरा करते हुए कस्टम मिलिंग की प्रोत्साहन राशि 40 रुपए से बढ़ाकर अब 120 रुपए कर दी है।
इसी तरह बारदानों की कीमत भी 18 रुपए से बढ़ाकर 25 रुपए कर दी है। समारोह को सहकारिता मंत्री डॉ. टेकाम, राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री अग्रवाल, राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री देवांगन ने भी सम्बोधित किया।