विधानसभा: पहला दिन गर्जनओं से भरा रहा
रायपुर। दस दिनों तक चलने वाले छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र की आज से शुरूआत हो गई। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत की आसंदी में सभी विधानसभा सदस्यों ने दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी तत्पश्चात सत्र की शुरूआत विपक्ष के धान खरीदी पर स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के साथ हुई। आरोप-प्रत्यारोप, तीखी नोंक-झोंक और हास-परिहास के बीच नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी सहित पक्ष-विपक्ष के कई विधायकों ने धान खरीदी मुददे पर अपनी बात रखी।
दूसरी ओर विधानसभा में मीडिया से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ा ऐलान किया है कि इस साल केंद्र सरकार के निर्धारित समर्थन मूल्य 1850 रुपये प्रति क्विंटल पर धान की खरीदी होगी। 2500 रूपये प्रति क्विंटल के लिए सरकार ने एक मंत्रिमंडलीय उप समिति बनाई है जो इस मामले में अध्ययन कर सरकार को रिपोर्ट सौपेंगी. समिति में मंत्री मोहम्मद अकबर, उमेश पटेल, रविंद्र चौबे, अमरजीत भगत और प्रेमसाय सिंह शामिल हैं।
राजा को इस पाप से मुक्ति नही मिलती : अजीत जोगी
आपको बता दें कि कांग्रेस ने चुनाव के वक्त 2500 रुपये प्रति क्विंटल पर धान खरीदी का वादा किया था, लेकिन अब राज्य सरकार चाहती है कि केन्द्र इसमें योगदान करे परंतु पीएम नरेन्द्र मोदी ने साफ कर दिया है कि सभी राज्यों में एक समान दर पर धान खरीदी होगी जिसके बाद राज्य सरकार ने 1 दिसंबर से धान खरीदी का फैसला किया है। आज विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने सरकार को याद दिलाया कि तीन नदियों में समस्त पाप धुल जाते हैं परंतु राजा का जनता से किये गये वादे से मुकरना, इस पाप से कहीं मुक्ति नही मिलती। श्री जोगी ने कहा कि सबसे पहले मेरी सरकार ने ही धान खरीदी शुरू की थी। इसके लिए केन्द्र सरकार से संघर्ष किया था तथा जेल भी गए थे।
विधायक देवेन्द्र यादव की टिप्पणी पर विवाद
बहरहाल, विधानसभा की कार्रवाई के पहले दिन विपक्षी भाजपा ने तीखे तेवर दिखाए तथा धान खरीदी के मुददे पर स्थगन प्रस्ताव रखा जिसे विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने मान्य करते चर्चा के लिए पक्ष—विपक्ष के नाम आमंत्रित किए। नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक ने चर्चा की शुरूआत की तो कांग्रेस विधायक देवेन्द्र यादव तथा शैलेष पाण्डेय ने टीका-टिप्पणी करते हुए असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया, जिस पर हंगामा मच गया। विधायक धरमजीत सिंह, अजय चंद्राकर, बृजमोहन अग्रवाल, शिवरतन शर्मा इत्यादि ने कहा कि जनता के प्रतिनिधियों की आवाज को असंसदीय शब्द की गलत परंपरा की शुरूआत है।
...तो मैं इस्तीफा दे दूंगा : बृजमोहन अग्रवाल
विधायक एवं पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि आपने समाचार पत्रों में दावा किया है कि 1 लाख क्विंटल फर्जी धान जब्त किया है. मैं दावा करता हूं कि अगर 75000 क्विंटल धान छत्तीसगढ़ के किसानों का नहीं हुआ तो मैं विधायक पद से इस्तीफा दे दूंगा. इस बयान पर पलटवार करते हुए ब्रहस्पति सिंह ने भी कहा कि अगर उत्तर प्रदेश का धान नहीं हुआ तो मैं भी इस्तीफा दे दूंगा।
वादा आपने किया तो आप पूरा करें : धरमलाल कौशिक
काफी हंगामा मचने के बाद अंतत: विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने इसे विलोपित कर दिया। साथ ही संसदीय कार्यमंत्री रवीन्द्र चौबे ने गुंडागर्दी शब्द पर खेद व्यक्त किया. जबकि दोनों विधायक चुप्पी साधे बैठे रहे। नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक ने धान खरीदी मुददे पर बोलते हुए कहा कि 15 साल तक हमारी सरकार ने किसान का एक-एक धान खरीदा और वादा पूरा किया परंतु अब के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कह रहे हैं कि धान खरीदी में केन्द्र मदद करे। वादा आपने जनता से किया था तो आप उसे पूरा करें लेकिन सरकार टालमटोल कर रही है।
भाजपा राज में किसानों का धान लूटा गया : विधायक मोहन मरकाम
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, विधायक मोहन मरकाम ने स्थगन प्रस्ताव पर हिस्सा लेते हुए भाजपा पर आरोप लगाया कि आपकी सरकार में किसानों के धान की लूट हुई, करोड़ों का घोटाला हुआ। नान घोटाला हुआ जिसमें सीएम, सीएम मैडम के नाम भी आए मगर सबको बचा लिया गया। श्री मरकाम ने कहा कि हमारी केन्द्र में सरकार थी तो हमने छत्तीसगढ़ को बोनस भी दिया और चावल भी खरीदा, परंतु केन्द्र की भाजपा सरकार अपने दायित्व से मुकर रही है। उन्होंने आगाह किया कि किसान की हाय लेने पर ही आपकी सरकार गई, केन्द्र की भी चली जाएगी। मरकाम ने कहा कि आपकी सरकार में मजदूरों की संख्या बढ़ी थी जबकि किसानों की घटी थी। हमारी सरकार में मजदूरों की संख्या घटी है और किसानों की बढ़ी है।
केन्द्र सरकार की हठधर्मिता दु:खद : विधायक चंद्रदेव रॉय
बिलाईगढ़ के विधायक चंद्रदेव रॉय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के धान खरीदी के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि वे किसानों का दर्द समझते हैं। श्री रॉय ने भाजपा के स्टैण्ड पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश में जब भाजपा सरकार थी तो केन्द्र की हमारी कांग्रेस सरकार ने धान भी खरीदा था और तत्कालीन सरकार के आग्रह को मानते हुए बोनस भी दिया था, परंतु वर्तमान में केन्द्र सरकार की हठधर्मिता दु:खद है। उन्हें किसानों के हित की कोई चिंता नही।
कल दूसरे दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वितीय अनुपूरक बजट पेश करेंगे। मिली जानकारी के मुताबिक तकरीबन पांच हजार करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पेश होगा। बता दें कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में ये फैसला लिया गया था कि 26 नवंबर को संविधान दिवस के मौके पर सदन में विशेष चर्चा का आयोजन किया जाएगा।