सत्ता की चाबी लेने भाजपा का चिंतन शिविर, बस्तर से चुनावी मिशन की शुरुआत
जगदलपुर, 31 अगस्त। छत्तीसगढ़ में प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं को 2023 विधानसभा चुनाव में तैर करने तीन दिवसीय चिन्तन शिविर का आयोजन जगदलपुर में किया है। जिसका शुभारम्भ करने प्रदेश प्रभारी डी.पुरंदेश्वरी जगदलपुर पहुंची। शिविर शुभारम्भ दीप प्रज्वलन से हुआ। जिसमे भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ.रमन सिंह, राष्ट्रीय संयुक्त महासचिव (संगठन) शिव प्रकाश, सह प्रभारी नितिन नवीन, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक सहित सांसद और विधायक शामिल हुए।
राज्य के बस्तर क्षेत्र में भाजपा के इस आयोजन को आगामी विधानसभा चुनाव 2023 से जोड़कर देखा जा रहा है। सबसे बड़ी बात ये है कि छत्तीसगढ़ में सत्ता की चाबी हथियाने के लिए बस्तर क्षेत्र में अपनी जीत दर्ज करना जरुरी माना जाता है। इसी रास्ते को तलाश में ही भाजपा बस्तर से ही चुनावी आगाज किया है।
पिछले विधानसभा चुनाव में नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर में 12 और सरगुजा व राजनांदगांव क्षेत्र के 17 विधनसभा में भाजपा का सूपड़ा साफ़ हो गया था। यही कारण है कि प्रदेश अब भाजपा महज 14 सीटों पर ही काबिज है। नक्सल प्रभावित इलाकों में भाजपा की ढीली पकड़ को मजबूती देने ही चिंतन शिविर का आयोजन इस क्षेत्र से हुआ है। इससे साफ़ जाहिर है कि आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने की शुरुआत इसी इलाके से की गई है।
चुनाव की कार्य योजना बनेगी-रमन
डॉ रमन सिंह ने जगदलपुर में कहा कि इस चिंतन शिविर में प्रदेश सरकार की नाकामियों को सबके सामने रखा जायेगा। साथ ही आगामी ढाई वर्ष की कार्य योजना भी बनाई जाएगी,ताकि 2023 के चुनाव में भाजपा बहुमत हासिल कर सके। उन्होंने कहा कि शिविर में छत्तीसगढ़ में संगठन के आने वाले समय में कार्यक्रमों को लेकर मंथन किया जाएगा। सह ही रमन ने कहा कि अगले ढाई वर्ष में पार्टी जनता के बीच जाकर राज्य सरकार की असफलताओं को रखेगी। बस्तर क्षेत्र में चिंतन शिविर के आयोजन के मंशा पर उन्होंने आदिवासी क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाना कहा।
विकास ही बनेगा मुद्दा – पुरंदेश्वरी
भाजपा प्रदेश प्रभारी डी.पुरंदेश्वरी ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि चिंतन शिविर 2023 के चुनाव की शंखनाद ही माना जाये। इसके माध्यम से भाजपा अपने कार्यकर्ताओं को मजबूती से अपने अपने क्षेत्रों में उतरने की प्रेरणा देगी ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत दर्ज हो सके। उन्होंने पुराणी बात दोहराते हुए फिर कहा कि भाजपा चेरे पर नहीं बल्कि विक्सा के मुद्दे पर ही आम जनता के बीच जाएगी और समर्थन हासिल करेगी। उन्होंने कहा कि संगठन को प्रदेश में मजबूत करने और पार्टी के लिए 2023 का रोडमैप तैयार करने के साथ ही इस चिंतन शिविर में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी।
मीडिया से भी गोपनीयता
प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तयारी को अमलीजामा पहनाने के लिए चिंतन शिविर (BJP Chintan Shivir) में भी गिने चुने नेताओं को ही शामिल किया गया है। शिविर में होने वाले राजनीतिक चर्चा का भेद बहार न खुले इसलिए को भी दूर रखा गया है। वहीं कार्यकर्ताओं को भी कमरे के बाहर पंडाल में ठहरने निर्देश दिया गया है। शिविर के अंतिम दिन पूरे संभाग के कार्यकर्ताओं के साथ प्रभारी बैठक लेंगी और इसी दौरान शिविर में हुए कुछ महत्वपूर्ण जानकारी कार्यकर्ताओं को दी जाएगी। भारतीय जनता पार्टी को उम्मीद है कि इस चिंतन शिविर के आयोजन के बाद बस्तर इलाके में पार्टी की पकड़ मजबूत होगी।
भाजपा के चिंतन से कांग्रेस में टेंशन
भाजपा के चिंतन शिविर का असर कांग्रेस में प्रत्यक्ष न सही अप्रत्यक्ष रूप से जरूर दिखी दे रहा है। कांग्रेस कार्यकर्त्ता या वरिष्ठ पदाधिकारी भले ही खुलकर नहीं बोल रहे हैं लेकिन सुगबुगाहट तो शुरू हो गई है। सबसे बड़ी बात मुख्यमंत्री कुर्सी को लेकर प्रदेश में चल रही खींच तान से कांग्रेस जूझ रही है। अभी तक कोई हल नहीं निकलने से पशोपेश में भी है। वहीं राहुल गांधी भी बस्तर के दौरे में आगामी दिनों में रहेंगे। हलाकि उनके आने का निश्चित तिथि तय नहीं हुई है। लेकिन भाजपा की चुनावी तैयारी बस्तर से शुरू होने से बस्तर के कांग्रेस नेताओं और कांग्रेस पार्टी में टेंशन होती नजर आ रही है। कांग्रेस भी आगामी विधानसभा के लिए बस्तर को साधने राहुल गांधी के दौरे से चुनावी बिगुल फूंक सकती है।