छत्तीसगढ

सरकार विपक्षी नेताओं के सुरक्षा को लेकर संवेदनशील नहीं: कौशिक

रायपुर। नेताप्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा प्रदेश के कांग्रेस सरकार विपक्ष के नेताओं के सुरक्षा को लेकर संवेदनशील नहीं है न ही सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा राजनांदगांव सांसद संतोष पाण्डेय को नक्सलियों द्वारा पत्र भेजा जाना और उनकी सुरक्षा की चिंता नहीं करना एक सवाल खड़ा करता है, साथ ही प्रदेश के कई भाजपा नेताओं की सुरक्षा हटा दी गयी है या कम कर दी गयी है, इस संबंध में पत्र पुलिस प्रशासन को भेजा जा चुका है लेकिन उसे लेकर अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। नेताप्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा अब तक के करीब आधा दर्जन बस्तर के नेताओं की सुरक्षा को लेकर एक पत्र पुलिस के आलाधिकारियों को भेजा जा चुका है जिस पर अबतक आवश्यक कार्यवाही नहीं की गयी है। उन्होंने कहा सुरक्षा को लेकर प्रदेश सरकार भेदभाव पूर्ण रवैया अपना रही है यदि कोई अप्रिय स्थिति निर्मित हुई तो इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा?
उन्होंने कहा जिस तरह से दंतेवाड़ा जिला प्रशासन दंतेवाड़ा उपचुनाव को लेकर सवालों के घेरे में है जिस पर भी सवाल खड़ा होना लाजमी है पूरे मामले में निर्वाचन आयोग को गंभीरता से संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि दंतेवाड़ा उपचुनाव में भाजपा को व्यापक जनसमर्थन मिला रहा है। हम आर्दश दंतेवाड़ा की बात को लेकर जनता के बीच है, पूर्व में जनता ने हमें व्यापक जनसमर्थन दिया था। इस बार वीर विधायक स्व. भीमा मण्डावी को समर्पित यह उपचुनाव हम सभी कार्यकर्ताओं के सहयोग व आमजनता के समर्थन से जरूर जीतेंगे।
[9/6, 6:44 PM] Hemant Panigrihi: *लोकतंत्र की जीत: भाजपा*
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी ने 1333 प्राथमिक कृषि साख समितियों के संचालक मंडल को भंग करने पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाए जाने के फैसले का स्वागत किया है। भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक अशोक बजाज ने इस फैसले को लोकतंत्र की जीत निरुपित किया है। माननीय उच्च न्यायालय से स्टे की खबर मिलते ही आज सहकारिता से जुड़े सैकड़ों अध्यक्ष व संचालक सदस्य भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में एकत्रित हुए तथा आतिशबाजी कर मिठाइयां बांटी।
सोसाइटी अध्यक्षों ने कहा कि सरकारी की तानाशाहीपूर्ण कदम उठाते हुए समितियों के बोर्ड को भंग कर दिया था जो कि अनुचित एवं अवैधानिक कृत्य है। माननीय उच्च न्यायालय ने निर्वाचित संचालक मंडल के पक्ष में फैसला देकर हमें न्याय प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने ही किसान प्रतिनिधियों को कोर्ट जाने के लिए प्रेरित किया था। यदि पुनर्गठन लाजिमी है तो सरकार नियमानुसार तथा युक्तियुक्त पुनर्गठन करें लेकिन पुनर्गठन के आड़ में निर्वाचित बाड़ी को भंग करना न्यायसंगत नही हैं।
इस अवसर पर ढोंढरा सोसाइटी अध्यक्ष दीपक दीवान, रवेली सोसाइटी अध्यक्ष पारसमणि साहू, तामासिवनी सोसाइटी अध्यक्ष सोमेश पांडे, फरहदा सोसाइटी अध्यक्ष योगेश चंद्राकर, सकरी सोसाइटी अध्यक्ष मोहन साहू, अभनपुर समिति अध्यक्ष प्रदीप शर्मा, दौंदेकला समिति के पूर्व अध्यक्ष अरविन्द ठाकुर व नारायण यादव, टीकाराम साहू, चन्द्रशेखर साहू, अश्वनी वर्मा, दिलीप वर्मा, हिच्छाराम टंडन, थानसिंह निषाद, कोमल साहू, प्रशांत चंद्राकर, लेखू साहू, यशवंत कुमार, संतराम पटेल, खुशवंत सिन्हा व सहकारिता से जुड़े पदाधिकारी उपस्थित थे।

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