अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध नागरिक दिवस: सकारात्मक सोच ही मानसिक और शारीरिक परेशानियों से करेगा बचाव

बदौलाबाजार, 4 अक्टूबर। अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध नागरिक दिवस बलौदाबाजार के श्रीवाटिका वृद्धाश्रम में ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित कर मनाया गया। इस दौरान एक ओर जहां बुजुर्ग अवस्था में शारीरिक अस्वस्थता और छोटी-मोटी तकलीफों और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। वहीं दूसरी ओर सकारात्मक तरीके से बुजुर्गों की समस्याओं और शारीरिक तकलीफों को दूर करने के उपाय भी सुझाए गए।
कार्यक्रम के दौरान मानसिक स्वास्थ्य विषय पर भी विस्तार से जानकारी देते हुए डॉ. राकेश कुमार प्रेमी ने बताया वृद्धावस्था में कई तरह की शारीरिक समस्याएं तो होती ही हैं। साथ ही साथ परिवार वालों का परस्पर सहयोग नहीं मिलने की वजह से बुजुर्ग कई तरह के मानसिक तनाव, अवसाद से भी ग्रसित हो जाते हैं। इस दौरान मानसिक बीमारी डिमेंशिया की प्रबल संभावना होती है जिससे बचना जरूरी है। मौके पर डॉ. सुजाता पांडेय ने योगा प्राणायाम के जरिए शरीर को स्वस्थ्य और निरोगी रखने के उपाय बताए। इस दौरान वृद्धाश्रम के बुजुर्गो को श़ॉल देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से आशा शुक्ला, उप संचालक समाज कल्याण विभाग, प्रीत राम पटेल, संध्या देवी संचालक वृद्धाश्रम, अजीत सिंह अधीक्षक वृद्धाश्रम, डॉ. रजनी ध्रुव, मोहिंदर धृतलहरे क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, रोशन लाल साइकाइट्रिक सोशल वर्कर, लता साहू, अंजु पंजवानी आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।
धैर्य और सकारात्मक रहना जरूरी- कार्यक्रम में रिटायर्ड प्रिंसिपल डॉ. निशा झा ( 67 वर्षीय) ने कोरोनाकाल में अपनी मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक परेशानियों पर किस तरह जीत हासिल की , इसका अनुभव भी साझा किया। डॉ .झा ने बताया योग प्राणायाम की मदद से ही उन्होंने मानसिक संतुलन बनाए रखा और खुद को सकारात्मक रखा इसकी भी जानकारी दी। उन्होंने वृद्धजनों से मानसिक तनाव नहीं लेने, खान-पान पर ध्यान देते हुए अपनी समस्याओं को खुलकर घरवालों के सामने रखने का आग्रह किया।
मानसिक बीमारी से बुजुर्गों को बचाने की जरूरत- डॉ. सीएमएचओ खेमराज सोनवानी कहते हैं बुजुर्गों को खास तरह की देखभाल की जरूरत होती है, ऐसा नहीं होने पर बुजुर्ग खुद को उपेक्षित महसूस करते हैं। धीरे-धीरे इस वजह से वह मानसिक बीमारी के शिकार हो जाते हैं। इसिलए बुजुर्गों को समझने और उन्हें अपनापन और देखभाल करने की बेहद जरूरी है। उन्हें उनकी महत्ता का एहसास करना चाहिए। ऐसा करने से ना सिर्फ बुजुर्ग मानसिक बीमारी से बचेंगे बल्कि उनकी शारीरिक अन्य समस्याएं भी काफी हद तक कम होंगी।
जिला अस्पताल में भी कार्यक्रम- जिला अस्पताल बलौदाबाजार में भी सीएमएचओ डॉ. खेमराज सोनवानी के नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के मौके पर ओपीडी में आने वाले बुजुर्गों की समस्याओं और परेशानियों का निराकरण किया गया। साथ ही उन्हें मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भी किया गया।