छत्तीसगढ

अंतिम दम तक सच बोलूंगा वह है गांधीः प्रमोद दुबे

रायपुर। पब्लिक रिलेशन्स सोसयटी ऑफ इंडिया रायपुर चैप्टर द्वारा “गांधी का स्वराज” विषय पर शनिवार से दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन शुरू हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में रायपुर नगर पालिका निगम महापौर प्रमोद दुबे मौजूद रहे उन्होंने गांधी पर अपने विचार रखते हुए कहा कि गांधी का अर्थ ईमानदारी है। गांधी एक विचार है जिसका अर्थ सकारात्मक सोच के लिए प्रयोग किया जाता है। उन्होंने मीडिया के उदाहरण से बताया कि मीडिया में अधिकत्तर नकारात्मक भाव को ही अधिक दिखाया जाता है। अगर व्यक्ति नकारात्मक ही सोचेगा तो वह नकारात्मक भाव में ही बना रहेगा इसलिए हमें सकारात्मक की ओर देखने की जरूत है। तभी तो गांधी को पूरे विश्व के लोग समझने का प्रायस कर रहे है और 73 देशों में गांधी की मूर्ति भी लगी है जिन्हे वहां के लोग देवता के समान मानते है। जहां गांधी को सकारात्मक विचार के रूप में स्वीकार किया जाता है। गांधी का अर्थ एक विचार, सचाई, ईमानदारी का भाव है। जो व्यक्ति अपने अंतिम दम तक सच बोलूंगा वही गांधी है। गांधी के विचार भूत, भविष्य और वर्तमान तक प्रसंगिक रहेंगे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता पब्लिक रिलेशन्स सोसयटी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजीत पाठक ने कि उन्होंने रायपुर चैप्टर के शुरूआत के लिए सभी सदस्यों को शुभकामनाएं दी। वही गांधी पर विचार रखते हुए कहा की गांधी की चर्चा हमेशा सचाई और ईमानदारी के लिए की जाती है।
बीज वक्ता के रुप में महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा के प्रो.(डॉ.) मनोज कुमार ने गांधी को याद करते हुए उनके जीवन के विभिन्न पहलूओं से लोगों को अवगत कराया और उनके योगदान की प्रसंगिकता को याद किया।
विशिष्ट अतिथि में पंडित रविशंकर शुक्ल विश्विद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) केसरी लाल वर्मा, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति जी.आर.चुरेन्द्र(आई.ए.एस) और पी.आर. एस, आई नई दिल्ली के सेक्रेटरी जनरल निवेदिता ने भी गांधी के स्वराज पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम में जनसंपर्क और समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कर्ष कार्य के लिए छत्तीसगढ़ मित्र के संपादक और सेवानिवृत आई.ए.एस डॉ. सुशील त्रिवेदी को विशेष सम्मान से सम्मानित किया गया।
पी.आर.एस.आई रायपुर चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. शाहिद अली ने कार्यक्रम का संयोजक किया। वही प्रो. (डॉ.) आर.के.ब्रहमे ने स्वागत संबोधन दिया और अशीष मिश्रा ने उदघाटन कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन दिया। कार्यक्रम में भारी संख्या में विद्यार्थी, शोधार्थी, सामाजिक कार्यकर्ता एवं शिक्षकों ने अपनी उपस्थिति रहे।

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