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UP विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरेगी टीम भूपेश, प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद तय हुई जिम्मेदारी

रायपुर, 12 जुलाई। कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश चुनाव प्रचार और प्रबंधन के मोर्चे पर छत्तीसगढ़ की टीम को उतारने का फैसला किया है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा की। प्रियंका ने उन्हें टीम के साथ चुनाव के मोर्चे पर उतरने के निर्देश दिए। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और मुख्यमंत्री के सलाहकार राजेश तिवारी को पहले ही उत्तर प्रदेश का प्रभारी सचिव बनाया गया है। वह बूथ स्तर पर मैनेजमेंट में जुटे हैं। इससे पहले छत्तीसगढ़ के नेताओं को उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में उतारा गया था। अब पूर्वाचल में फिर छत्तीसगढ़ के नेताओं को सक्रिय किया जाएगा।

प्रियंका गांधी से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर विस्तार से चर्चा

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद कहा कि देश के राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई। इस दौरान उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर भी विस्तार से चर्चा हुई। छत्तीसगढ़ के पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं। प्रियंका गांधी से मुलाकात के दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष पवन बंसल और राजीव शुक्ला भी मौजूद थे। करीब एक घंटे चली मुलाकात में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के राजनीतिक हालात पर भी चर्चा की।

बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के नेताओं को पूर्वाचल की विधानसभा सीट की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। उत्तर प्रदेश से छत्तीसगढ़ का बार्डर भी इसी इलाके में लगता है। प्रदेश में पूर्वाचल के लोगों की संख्या भी ज्यादा है। ऐसे में इस इलाके में चुनाव प्रचार प्रभावी रहेगा। इससे पहले छत्तीसगढ़ के टीम को बिहार और असम के विधानसभा चुनाव के मोर्चे पर उतारा गया था। असम में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मेहनत के कारण पार्टी मुकाबले में आई थी।

सीएम बघेल यूपी जाएं तो किसी को मुख्यमंत्री का दायित्व सौंप कर जाए : साय

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि बिहार और असम का प्रभार मिलने पर उनके नेतृत्व में दोनों राज्यों में कांग्रेस की जो फजीहत हुई है, वह सबके सामने है। वहां सीएम बघेल के झूठ का कारोबार चल नहीं पाया। मुख्यमंत्री के बड़बोलेपन और खराब ट्रैक रिकार्ड को देखते हुए कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें और कोई जिम्मेदारी नहीं दी है, इसलिए मुख्यमंत्री बघेल ने खुद ही जिम्मेदारी मांग ली है।

बघेल को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुलाकात का वक्त ही नहीं दिया। प्रियंका से अपने लिए नई जिम्मेदारी मांगनी पड़ रही है। सीएम बघेल का मन छत्तीसगढ़ में लगता नहीं, वे बाहर घूमकर जैसे-तैसे अपना कार्यकाल पूरा कर लें। अगर उन्हें फिर प्रभार मांग कर उत्तर प्रदेश जाना है तो वह अपना दायित्व किसी को देकर जाएं।

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