अफगानिस्तान में फंसे भारतीय इन नंबरों पर ले सकते हैं मदद, तालिबान के कब्जे के बाद बढ़ी चिंता
नई दिल्ली/काबुल, 16 अगस्त। अफगानिस्तान को लेकर जो आशंका वैश्विक मंच पर विभिन्न देशों द्वारा जताई जा रही अब वो हकीकत में बदल गई है। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल और वहां पर स्थित राष्ट्रपति निवास पर कब्जे के बाद अब यहां की सत्ता पर काबिज होना बहद महज औपचारिकता ही रह गई है। रविवार को जिस तरह से राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर अचानक तजाखिस्तान चले गए उससे ये साफ हो गया था कि तालिबान सत्ता पाने से कुछ कदम दूर रह गया है।
तालिबान के काबुल पहुंचने के बाद सबसे बड़ी चिंता वहां पर मौजूद विदेशियों को लेकर है जो वहां पर स्थित विभिन्न दूतावासों में काम कर रहे हैं। आपको बता दें कि अफगानिस्तान में मौजूद भारतीयों को लेकर रविवार को एक एयर इंडिया का विमान 129 लोगों को स्वदेश लेकर लौटा है। भारत सरकार लगातार स्थिति पर निगाह रखे हैं।
तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद सुहेल शाहीन ने भारत को चेतावनी दी है कि वो अफगानिस्तान में सैन्य अभियान चलाने की गलती न करे। ये उसको महंगा सौदा साबित हो सकता है। हालांंकि तालिबान ने काबुल स्थित दूतावासों और वहां के कर्मियों की सुरक्षा को लेकर आश्वस्त भी किया है। तालिबान का कहना है कि दूतावास कर्मियों की जिंदगी को कोई खतरा नहीं है। अमेरिका को लेकर भी तालिबान ने कहा है कि वो वहां से सुरक्षित निकल जाएंगे। तालिबान ने अफगानिस्तान में भारत द्वारा किए गए विकास कार्यों की तारीफ भी की है।