छत्तीसगढ

अब तक 2.63 लाख श्रमिकों की छत्तीसगढ़ सकुशल वापसी, मनरेगा के तहत प्रवासी श्रमिकों को रोजगार

रायपुर, 7 जून। नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लाॅकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के लगभग 2 लाख 63 हजार श्रमिकों सहित अन्य लोग सकुशल वापस लौट चुके हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर अन्य राज्यों से लौटे इन प्रवासी श्रमिकों को राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश में मनरेगा के तहत पंजीकृत और प्रवासी श्रमिकांे सहित वर्तमान मं लगभग 23 लाख से अधिक मजदूरों को रोजगार मिल रहा है।
श्रम मंत्री डाॅ. शिव कुमार डहरिया ने आज यहां बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में अन्य राज्यों में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित छत्तीसगढ़ वापस लाया जा रहा है। 4 जून की स्थिति में राज्य शासन द्वारा श्रमिक स्पेशल ट्रेनों, बसों और अन्य वाहनों के माध्यम से 2 लाख 63 हजार से अधिक श्रमिक तथा अन्य यात्री छत्तीसगढ़ लौट चुके हैं। अब तक 59 ट्रेनों के माध्यम से 81 हजार प्रवासी श्रमिकों को छत्तीसगढ़ वापस लाया जा चुका है। छत्तीसगढ़ भवन सन्ननिर्माण मंडल द्वारा ट्रेनों एवं बसों के लिए लगभग 3 करोड़ 98 लाख रूपए खर्च किए गए हैं। इसके अलावा मंडल द्वारा संकटापन श्रमिकों की सहायता के लिए जिला कलेक्टरों को 3 करोड़ 90 लाख रूपए जारी भी किए गए हैं।
डाॅ. डहरिया ने बताया कि देश व्यापी लाॅकडाउन के चलते अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों, छात्रों एवं चिकित्सा की आवश्यकता वाले लोगों की वापसी को लेकर राज्य सरकार द्वारा कई अहम कदम उठाए गए। छत्तीसगढ़ के प्रवासी श्रमिकों और अन्य लोगों की वापसी के लिए आॅनलाइन पंजीयन की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य के भीतर अन्य जिलों में फंसे 15 हजार 767 श्रमिकों को सकुशल उनके गृह जिला भिजवाया गया है, वहीं छत्तीसगढ़ में फंसे अन्य राज्यों के 28 हजार 450 श्रमिक सुरक्षित वापस उनके गृह राज्य भेजा गया है।
श्रम मंत्री डाॅ. डहरिया ने बताया कि लाॅकडाउन के दौरान अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के 17 हजार 677 श्रमिकों को भोजन, राशन, चिकित्सा आदि की व्यवस्था व तत्कालिक राहत पहुंचाने के उद्देश्य से उनके खातों में 66 लाख 73 हजार रूपए जमा कराया गया है। राज्य शासन द्वारा छूट प्रदत्त गतिविधियों एवं औद्योगिक क्षेत्रों में एक हजार 429 कारखानों में पुनः कार्य प्रारंभ हुआ है तथा इनमें लगभग एक लाख 5 हजार से अधिक श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
छत्तीसगढ़ राज्य के नोडल अधिकारी एवं श्रम सचिव सोनमणी बोरा और अन्य अधिकारियों द्वारा संबंधित राज्यों के अधिकारियों एवं नियोक्ताओं से लगातार सम्पर्क कर श्रमिकों की समस्याओं का निदान और छत्तीसगढ़ के श्रमिकों की सकुशल वापसी की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार राज्य में श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। मनरेगा के तहत 23 लाख 3 हजार से अधिक मजदूरों को रोजगार मिल रहा है। राज्य कर्मचारी बीमा सेवाएं (ईएसआई) के द्वारा संचालित 42 क्लीनिकों के माध्यम से 78 हजार 822 श्रमिकों को निःशुल्क इलाज एवं दवाएं उपलब्ध कराई गई है। प्रवासी श्रमिकों एवं नागरिकों की मदद के लिए राज्य स्तर पर 24 घंटे हेल्प लाइन सेंटर संचालित है। हेल्प लाइन नंबर 0771-2443809, 91098-49992, 75878-22800, 75878-21800, 96858-50444, 91092-83986 एवं 88277-73986 है।

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