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अमेरिकी छात्रों को कोवैक्सीन या स्पुतनिक मान्य नहीं, दोबारा लेनी होगी वैक्सीन; नए सेमेस्टर से पहले गाइडलाइन जारी

वाशिंगटन, 4 जून। कोविड-19 महामारी से दुनिया के तमाम देशों में सबसे अधिक प्रभावित अमेरिका फूंक फूंक कर कदम उठा रहा है। इस क्रम में अब नए सेमेस्टर से पहले यहां की यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्रों के लिए कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर गाइडलाइन जारी की गई है। इसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन से अनुमोदन प्राप्त कोरोना वैक्सीन को मान्यता दिया जा रहा है। इसलिए ही निर्देश जारी किया गया है कि जिन छात्रों ने कोवैक्सीन या स्पुतनिक वी की खुराक ली है उन्हें दूसरी वैक्सीन लेनी होगी।

अमेरिका के चार सौ से अधिक कालेजों और विश्वविद्यालयों में नए सेमेस्टर से पहले टीकाकरण नीति घोषित कर दी गई है। इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जिन छात्रों ने भारत की कोवैक्सीनया रूस की स्पूतनिक वी टीका लगवाया है, वह मान्य नहीं होगा। उनको दोबारा टीकाकरण कराना होगा। न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार 25 वर्षीय छात्रा मिलोनी दोशी कोलंबिया विश्वविद्यालय में इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर में मास्टर डिग्री शुरू करने वाली हैं। वह कोवैक्सीन की दोनों खुराक ले चुकी हैं। अब कोलंबिया विश्वविद्यालय ने कहा है कि कैंपस में आने के बाद उन्हें दोबारा टीका लगवाना होगा। दोशी ने एक मैसेजिंग एप पर कहा कि मुझे सबसे ज्यादा चिंता दो अलग-अलग वैक्सीन लेने की है।

अमेरिका में छात्रों से कह दिया गया है कि वे उन टीकों को मान्यता नहीं देंगे, जिन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अनुमोदित नहीं किया है। अमेरिका में टीकों को लेकर उन छात्रों के लिए बड़ी समस्या हो सकती है, जो बाहर के देशों के हैं। उन देशों में उपलब्धता के आधार पर छात्रों ने टीके लगवा लिए हैं। यह भारत के छात्रों के लिए भी चुनौती है, यहां से हर साल लगभग दो लाख छात्र अमेरिका अध्ययन करने के लिए जाते हैं। कई विश्वविद्यालय केवल उन छात्रों को ही स्वीकार रहे हैं, जिन्हें डब्ल्यूएचओ से अनुमोदित टीके लगे हैं।

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