छत्तीसगढ

आदिवासियो के हर दुःख में बराबर खड़ी, कांग्रेस भूपेश सरकार: घनश्याम तिवारी

रायपुर, 18 सितंबर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी वरिष्ठ प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने कहा कि, कांग्रेस भूपेश सरकार का आदिवासी हितेषी चेहरा एक बार सामने आया जब कवर्धा जिले के आदिवासी झामसिंग की मौत मध्यप्रदेश पुलिस के हाथों हुई और भूपेश सरकार ने 4 लाख रुपये का मुआवजा परिजन को देने की घोषणा की।

छत्तीसगढ़ सरकार के कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर की सक्रियता और हस्तक्षेप ने कवर्धा के आदिवासी झामसिंह व उसके परिजनों को 4 लाख रुपये आर्थिक मदद करके राहत पहुचाने की कोशिश की है। परिवहन एवं वनमंत्री अकबर के निर्वाचन क्षेत्र कवर्धा के बोड़ला विकासखंड़ के एक गांव में रहने वाले झामसिंह की एमपी पुलिस की गोली से माैत हो गई थी। मंत्री अकबर ने इस व्यक्ति को इंसाफ दिलाने की पहल करते हुए एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह,गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को पत्र लिखकर जांच की मांग और दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग की थी। यही नहीं एमपी के सीएम को पत्र लिखने के बाद 24 घंटे के भीतर दूसरी बार पत्र लिखकर कार्रवाई के लिए संज्ञान लेने का आग्रह किया था। इसके अगले दिन मंत्री मो,अकबर ने छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसईया उईके से फोन पर बात कर उन्हें मामले से अवगत करवाते हुए हस्तक्षेप का आग्रह किया था।

झाम सिंह के परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता मंत्री मो, अकबर ने दिखाई, नतीजतन एक आदिवासी की फर्जी मुठभेड़ के संगीन मामले में एमपी पुलिस को कार्यवाही करनी पड़ी। यह मामला मानवाधिकार हनन के आरोप से भी जुड़ा था, लिहाजा मानवाधिकारवादी संगठनों की नजर भी मामले पर थी। छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के 15 साल के कार्यकाल में आदिवासी की नृशंस हत्याओं व फर्जी मुठभेड़ की अनेक मामलों है। इस मामले का कुछ हद तक छग सरकार से अपेक्षानुसार निपटारा होने से कबीरधाम जिले के आदिवासी समुदाय ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के समूचे आदिवासी समुदाय ने भी राहत की सांस ली है।

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