छत्तीसगढ

एकजुट होकर किये गए प्रयासों से ही बाल अधिकारों का संरक्षण सम्भव: प्रभा दुबे

रायपुर, 17 जून। छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के स्थापना दिवस 17 जून पर वीडियो कार्यक्रम के माध्यम से आयोग द्वारा एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस परिचर्चा में प्रदेश के जिला बाल संरक्षण अधिकारियों, संस्थाओं के अधीक्षकों व अमले ने भाग लिया। इस अवसर पर श्रीमती प्रभा दुबे अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कहा कि आयोग की भूमिका सकारात्मक है एवम बच्चों के अधिकारों की रक्षा के क्षेत्र में सामने आ रही सभी चुनौतियों को राज्य शासन के समक्ष चर्चा कर समाधान किया जाएगा। उन्होंने आयोग के द्वारा प्राम्भ किये गए नवीन कार्यक्रमों की जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि आयोग ने तेज़ गति से कार्य करते हुए पिछले वर्षों में बाल संरक्षण के विषयों पर उत्तम सफलता प्राप्त की हैं और इस उपलब्धि में सरकार व शासकीय अमले का वृहत योगदान है। उन्होंने कोविद 19 के संक्रमण से बच्चों को बचाने तथा आगन्तुक श्रमिको के बच्चों को संक्रमण से बचाते हुए विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के प्रयासों को सर्वप्रमुखता से अपनाने की अपील की। इस अवसर पर आयोग के सचिव प्रतीक खरे ने बच्चों के अधिकारों की रक्षा के क्षेत्र में आ रही नवीन चुनौतियों की ओर ध्यान आकर्षित किया। पॉक्सो एक्ट के संदर्भ में भी समीक्षा की गई ।जिलों से उपस्थित संस्थाओं के अधीक्षकों ने व्यवहारिक अनेक कठिनाइयों की ओर ध्यान आकर्षित किया जिसमें संस्थाओं को अनुदान प्राप्ति में विलम्ब, संस्थाओं में अमले की कमी, प्रदेश में बच्चों के नशामुक्ति केंद्र ना होने संबधी समस्याएं उभरकर सामने आईं। आयोग की अध्यक्ष ने इन समस्याओं को महिला एवम बाल विकास मंत्री के ध्यान में लाकर हल करने का आश्वासन दिया। अंत में आभार प्रदर्शन के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग समाप्त हुई। आयोग ने मंत्रालय महानदी भवन नव रायपुर के एन आई सी केंद्र व जिलों ने जिलों के केंद्रों से भाग लिया।

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