छत्तीसगढ

एजेंट विश्वजीत भौमिक बिना जानकारी लोगों के प्रोपर्टी बैंक के पास रखता था मॉर्गेज, 5 करोड़ से ज्यादा राशि की धोखाधड़ी में दर्ज किया FIR

रायपुर। विश्वजीत भौमिक एजेंट एवं उनके साथी द्वारा बिलासपुर के बैंक से 5 करोड़ 4 लाख 15 हजार रूपये धोखाधड़ी कर निकल लिया। इसकी शिकायत बैंक आफ बड़ौदा के राजकिशोर नगर बिलासपुर (छग) को आर्थिक नुकसान करने की शिकायत की। प्रार्थी की शिकायत मिलने पर प्रथम दृष्टया अपराध घटित होना प्रमाणित होने के फलस्वरूप धारा-420, 467, 468, 171 भा.द.वि. के तहत् अपराध क्रमांक 04/2020 पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।

उल्लेखनीय है कि आरोपी एजेंट विश्वजीत भौमिक एवं अन्य के द्वारा धोखाधड़ी करने के लिए फर्जी फर्म रजिस्ट्रेशन करवाया गया है, जिसके माध्यम से वह लोगों को बैंक के माध्यम से लोन दिलाने का काम करता था। आरोपीगण द्वारा लोनधारकों एवं जमानतदारों के संज्ञान में लाये बिना ही उनके प्रापर्टी को बैंक में बंधक रखते हुए उसके एवज में बैंक से धोखा से लोन स्वीकृत कराकर स्वयं को अवैध आर्थिक लाभ पहुंचाया गया है।

इस तरह हुआ खुलासा

आरोपियों द्वारा 11 लोनधारकों/जमानतदारों के बैंक जमानतदारों की प्रापर्टी को बंधक रखकर 5 करोड़ 4 लाख 15 हजार रूपये का लोन लिया गया है। जांच के दौरान लोन धारकों और उनके जमानतदारों से चर्चा करने पर उनके द्वारा बताया गया कि विश्वजीत भौमिक नामक एजेंट के द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार कर फर्जी फर्म बनाकर रजिस्ट्रेशन कराकर लोगों को गुमराह करके लोन दिलवाने के नाम पर उनकी प्रापर्टी बैंक में बंधक रखवा दिया एवं उनसे बैंक लोन के दस्तावेजों में हस्ताक्षर करवाये और उनको जानकारी दिये बगैर बैंक से उपरोक्तानुसार फर्मों के नाम पर लोन ले लिया गया है। कुछ लोनधारकों/जमानतदारों ने बताया कि लोन प्रक्रिया के दौरान उन्हे कुछ रकम विश्वजीत भौमिक द्वारा दिया गया है। लोनधारकों/जमानतदारों द्वारा यह भी बताया गया कि विश्वजीत भौमिक ब्लैंक चेक बुक मेें हस्ताक्षर करवाकर पहले से रख लिया करता था। जिन लोनधारकों/जमानतदारों के नाम पर आरोपीगण लोन लेते थे उनके खाते में कुछ रकम खाते में छोड़ देता था जिससे किश्त/ब्याज की रकम आटोमेटिकली जमा होते रहे और बैंक को पता न चले। जब बैंक में किश्त/ब्याज की राशि जमा होना बंद हुआ तब उनके अपराधों का खुलासा हुआ।

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