छत्तीसगढ

एम्स में अब तक 38 संदिग्ध सैंपल टेस्ट, किसी में भी नहीं मिला कोरोना वायरस

• शनिवार को आठ सैंपल पहुंचे, इनमें भी नहीं मिला कोरोना वायरस
• सैंपल देने के लिए एम्स की हेल्प डेस्क के माध्यम से ही आएं
• अन्य जिलों के मरीजों को जिला अस्पतालों के माध्यम से भेजना होगा सैंपल
रायपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रायपुर में छत्तीसगढ़ के छह जिलों से अब तक कोरोना वायरस के संदिग्ध 40 सैंपल परीक्षण लैब में भेजे गए हैं और इनमें से किसी में भी कोरोना वायरस नहीं पाया गया है। इनमें से सबसे अधिक 24 सैंपल रायपुर से आए हैं। एम्स के चिकित्सकों ने राज्य के सभी लोगों से एहतियात बरतने और बिल्कुल भी न घबराने का अनुरोध किया है। कुछ सावधानियों के साथ इस स्थिति को भविष्य में भी बनाया रखा जा सकता है।
एम्स में भेजे गए सैंपल में एक-एक दुर्ग, बिलासपुर, दंतेवाड़ा और जांजगीर का है। दो सूरजपुर के सैंपल भी कोरोना वायरस जैसे लक्षण पाए जाने पर परीक्षण के लिए भेजे गए थे। शुक्रवार तक 32 सैंपल प्राप्त हुए थे जिसमें दो सैंपल रिजेक्ट कर दिए और शेष 30 का परीक्षण किया गया। इसमें किसी में भी कोरोना वायरस नहीं पाया गया है। शनिवार को आठ ओर सैंपल एम्स में परीक्षण के लिए प्राप्त हुए हैं। इनमें भी कोरोना वायरस नहीं मिला है। इस प्रकार अब तक 38 सैंपल टेस्ट कर लिए गए हैं।
एम्स के निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने कहा है कि राज्य में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। अभी तक कोरोना वायरस का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। यदि इसी प्रकार सावधानी बरती जाए तो कोरोना के किसी भी प्रकार के खतरे को टाला जा सकता है।
एम्स में आए सैंपल में आधे यही के मरीजों से लिए गए थे जबकि शेष सैंपल विभिन्न जिला अस्पतालों की ओर से कोरोना वायरस जैसे लक्षण पाए जाने पर या संक्रमित देशों की यात्रा करने वालों के भेजे गए थे।
दूसरी ओर कोरोना वायरस को लेकर रोगी अधिक भयभीत हो रहे हैं। एम्स के चिकित्सकों ने कहा है कि अभी किसी प्रकार से घबराने की आवश्यकता नहीं है। कई मरीज सीधे एम्स की लैब में कोरोना वायरस के टेस्ट के लिए संपर्क कर रहे हैं। चिकित्सा अधीक्षक प्रो. (डॉ.) करन पीपरे का कहना है कि संदिग्ध रोगी को पहले इमरजेंसी में बनाई गई हैल्प डेस्क पर संपर्क करना है। मरीज का चिकित्सक परीक्षण करेंगे उसके बाद सैंपल लैब में टेस्टिंग के लिए भेजा जाएगा। किसी भी संदिग्ध रोगी को लैब में सीधे संपर्क करने की अनुमति नहीं दी गई है। अन्य जिलों के संदिग्ध मरीजों को जिला अस्पतालों या स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से सैंपल भेजने होंगे। इनका परीक्षण कर 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट उपलब्ध करवा दी जाएगी।

कोरोना वायरस-इनको रखना होगा विशेष ध्यान

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने कोरोना वायरस को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं जिसमें कोरोना वायरस के संभावित रोगियों और इनके निकटवर्ती लोगों को किस प्रकार चिन्हित कर उनका इलाज करना है, बताया गया है।
एम्स द्वारा जारी इन निर्देशों के अनुसार बुखार और कफ होने पर और छाती में लगातार दर्द रहने पर चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें। इसके साथ ही चीन के वुहान में यात्रा करके आए और इस प्रकार के लक्षणों वाले रोगियों का भी चिकित्सकीय परीक्षण आवश्यक होगा। आईसीएमआर ने स्पष्ट किया है कि इन रोगियों की जांच करने वाले चिकित्सकों और कर्मचारियों को भी इस प्रकार के लक्षण पाए जाने पर तुरंत उपचार उपलब्ध कराना होगा।
निकटवर्ती लोगों में कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों का इलाज करने वाले चिकित्सक और कर्मचारी, रोगी के साथ इस प्रकार के लक्षण के दौरान रहने वाले परिजन और दोस्त, उसके साथ यात्रा करने वाले सह यात्री, उसी कक्षा में पढ़ने वाले छात्र और घर के अन्य सदस्यों को भी निकटवर्ती की श्रेणी में रखकर उन्हें बफर जोन में रखा जाएगा जब तक कि उनकी जांच रिपोर्ट नकरात्मक नहीं आ जाती है। रोगियों के भी दो टेस्ट नेगेटिव आने के बाद ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जाएगी। एम्स ने इस संबंध में सभी चिकित्सकों को पूरी एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button