एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ रायपुर पुलिस का सड़क सुरक्षा और यातायात जागरूकता अभियान
रायपुर, 20 जनवरी। एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने रायपुर पुलिस द्वारा सड़क सुरक्षा और यातायात जागरूकता पर चलाए गए सप्ताहव्यापी अभियान में एक ही दिन में 1,02,468 नागरिकों द्वारा सड़क सुरक्षा के लिए संकल्प लेने को एक रिकार्ड के रूप में दर्ज कर लिया है।
रायपुर के इन नागरिकों ने रायपुर पुलिस द्वारा ’सुनो रायपुर’ थीम पर 26 दिसंबर 2021 से 1 जनवरी 2022 तक सप्ताह भर आयोजित किए गए इस अभिनव अभियान के दौरान एक जनवरी को सड़क सुरक्षा संकल्प पत्र पर हस्ताक्षर कर नए साल में सड़क सुरक्षा का संकल्प लिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर पुलिस द्वारा सड़क सुरक्षा जागरूकता को लेकर चलाए गए इस अभिनव अभियान की सराहना की है।
सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए रायपुर पुलिस ने सक्रिय स्वयंसेवकों की मदद से ’सुनो रायपुर’ नाम से चलाए गए इस अभियान में कई बच्चे अपने बड़ों को सुरक्षा नियमों का पालन करने का संदेश देकर रायपुर पुलिस का समर्थन करने के लिए आगे आए थे। दिव्यांग महाविद्यालय मन के विकलांग बच्चों ने भी अभियान का समर्थन करने के लिए एक बहुत ही समझदार और भावनात्मक वीडियो संदेश दिया था। ’सुनो रायपुर’ का शुभारंभ एसएसपी रायपुर प्रशांत अग्रवाल द्वारा 26 दिसंबर की शाम को मैग्नेटो मॉल रायपुर में जागरूकता कार्यक्रम के रूप में किया गया।
रायपुर एसएसपी ने रायपुर के नागरिकों से अपील की थी कि वाहन चलाते समय सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करें और लापरवाही से या लापरवाही से वाहन चलाकर या बुनियादी सुरक्षा नियमों को दर किनार कर अपनी और दूसरों की जान जोखिम में न डालें। एसएसपी ने लोगों से किसी भी तरह के बाइक स्टंट या स्पीड ड्राइविंग का प्रयास करते समय अपने परिवार और दोस्तों के बारे में सोचने का अनुरोध किया। वाहन चलाते समय दूसरों की सुविधा का भी ध्यान रखना चाहिए।
लोगों को ट्रैफिक सिग्नल का पालन करने के लिए सुनिश्चित करने के लिए चौराहे पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी रखने की कोई आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। एसएसपी ने लोगों से वर्ष 2022 के नए साल के संकल्प के रूप में सड़क यातायात सुरक्षा को लेने की भी अपील की।
सुनो रायपुर के सप्ताह भर चलने वाले अभियान के दौरान रायपुर पुलिस की टीमों और 300 सक्रिय स्वयंसेवकों ने विभिन्न सार्वजनिक स्थानों, बाजार क्षेत्रों, मुख्य चौकों, स्कूलों, शैक्षणिक संस्थानों और वाणिज्यिक क्षेत्रों में यातायात नियमों के बारे में लोगों को जागरूक किया। दिलचस्प और शैक्षिक संदेशों वाले पैम्फलेट, तख्तियां, हैंडआउट्स, वीडियो स्क्रीन का भी इस्तेमाल किया गया। इस जागरूकता अभियान के दौरान लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए रायपुर पुलिस के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का भी व्यापक रूप से उपयोग किया गया।
गौरतलब है कि भारत में हर साल लगभग 1.5 लाख लोग सड़क हादसों में मारे जाते हैं। अकेले रायपुर जिले में ही हर साल करीब 450 लोगों की मौत हो जाती है। इन मौतों के पीछे मुख्य कारण तेज गति से वाहन चलाना, सीट बेल्ट न लगाना और हेलमेट न पहनना है। कुछ लोग शराब पीकर भी गाड़ी चलाते हैं और अपनी और दूसरों की जान जोखिम में डालते हैं। कई लोगों को सेलफोन का इस्तेमाल करते हुए गाड़ी चलाते हुए देखा जा सकता है। बुनियादी सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने से दुर्घटना में होने वाली मौतों को कम किया जा सकता है।
इसके अलावा, शहरी क्षेत्र में लोगों की यातायात समझ में सुधार करने की आवश्यकता महसूस की गई। कुछ लोगों को गलत साइड से गाड़ी चलाते हुए, ब्लॉक फ्री लेफ्ट टर्न या सड़कों पर अपने वाहन पार्क करते हुए देखा जा सकता है, जिससे अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं को असुविधा होती है।
इस अभियान का नेतृत्व एसएसपी रायपुर प्रशांत अग्रवाल, एडीएसपी ट्रैफिक एम आर मंडावी और डीएसपी ट्रैफिक सतीश ठाकुर ने किया। अभियान को रायपुर ऑटो डीलर्स एसोसिएशन, यंग इंडियंस, सुरक्षित भव फाउंडेशन, सिख केयर इंडिया, आभा फाउंडेशन, आवाज फाउंडेशन, स्पर्श एक कोशिश, हेल्पिंग हैंड फाउंडेशन, कोपल वाणी, मिशन संभव, वक्ता मंच और सौभाग्य फाउंडेशन, मारुति सुजुकी ड्राइविंग स्कूल, प्रांजल सेवा समिति जैसे कई गैर सरकारी संगठनों और संघों के स्वयंसेवकों द्वारा समर्थन और सहयोग दिया गया।