छत्तीसगढ

ओ.पी.जे.यू. मे ‘दो दिवसीय’ अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन सम्पन्न, सतत विकास के लिए इस्पात, बिजली और निर्माण प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विद्वानों ने की गहन चर्चा

एडवान्सेस इन स्टील, पावर एवं कन्स्ट्रकशन टेक्नालजी’ में उभरते और अभिनव  रुझान पर

रायगढ़। ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी, रायगढ़ द्वारा नवंबर अंतिम सप्ताह  के दौरान आयोजित  ‘एडवांसेस इन स्टील, पावर एंड कन्स्ट्रकशन टेक्नालजी’ विषय पर चतुर्थ दो-दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन सफलता पूर्वक संपन्न हुआ । इस सम्मेलन का आयोजन एसोसिएसन फॉर आइरन एंड स्टील टेक्नालजी (ए आई एस टी), अमेरिका, द मिनरल्स, मेटल्स एंड मटेरियल्स सोसाइटी (टी एम एस ),  जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड, रायगढ़, सिनोस्टील एवं अन्हुई यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी, चीन  के सहयोग से आयोजित किया गया।

सम्मेलन का उद्घाटन, 21  नवम्बर को ओपी जिंदल विद्यालय सभागार, रायगढ़ मे सम्मेलन के मुख्य अतिथि डॉ. कमाची मुदाली, प्रेसिडेंट- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेटल्स और चेयरमैन एवं मुख्य कार्यकारी, एच डब्ल्यू बी , डी ए ई , मुंबई ने विशिष्ट अतिथियों – डॉ पन्ग रुइपेन्ग, चेयरमैन,  सिनोसप्लेन्डर इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी कं, लिमिटेड (चीन), डॉ. मुकेश कुमार, निदेशक -एसआरटीएमआई, इस्पात मंत्रालय,  भारत सरकार, नई दिल्ली, डॉ. इंद्रजीत भट्टाचार्य, निदेशक, क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया, भारत सरकार, नई दिल्ली, श्री डी. के. सराओगी, चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, जेएसपीएल, रायगढ़, मेजर जनरल एस. सी. मेस्टन (रिटायर्ड), ए व्ही एस एम , एस एम, व्ही एस एम, जेएसपीएल, रायगढ़, डॉ बी. के. स्थापक (पूर्व-चांसलर, ओपीजेयू), एवं डॉ आर. डी. पाटीदार, कुलपति, ओपी जिंदल विश्वविद्यालय और अन्य गणमान्य व्यक्तियो की उपस्थिति मे किया।

ओपीजेयू के कुलपति डॉ आर. डी. पाटीदार,  ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए सम्मेलन की आवश्यकता एवं उपयोगिता के बारे मे जानकारी दी। उन्होने अत्यधिक कम समय मे ओपीजेयू द्वारा प्राप्त उपलब्धियों को भी सभी से साझा किया। उन्होंने सभी को बताया की इस वर्ष  ओपीजेयू को तीन बड़े सम्मान – ‘इमर्जिंग यूनिवर्सिटी ऑफ़ इंडिया,’ ‘मोस्ट ट्रस्टेड टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ़ इंडिया’ एवं ‘इमर्जिंग यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट’ प्राप्त हुए।   कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. कमाची मुदाली ने  इस्पात, बिजली और निर्माण प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की वर्तमान स्थिति के बारे में चर्चा की और कहा की आज के दौर मे तकनीकी विकास बहुत ही तेजी से हो रहा है और आवश्यकताएँ भी बहुत ज्यादा बढ़ रही हैं।  इस सम्मेलन के माध्यम से  प्रतिभागियों को संबन्धित क्षेत्र मे अनुसंधान और विकास के नए क्षितिज की खोज और समकालीन चुनौतियों का सामना करने मे मदद मिलेगी तथा भविष्य के लिए नए आयाम गढ़े जा सकेंगे। उन्होंने स्टील, पावर एवं कंसट्रकशन के क्षेत्र की वर्तमान चुनौतियों की बात करते हुए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को बताया। उन्होने स्टील, पावर एवं कंसट्रकशन के क्षेत्र के आधुनिक प्रोडक्ट्स एवं उपयोग की जा रही नई तकनीकों के बारे मे बताते हुए वैज्ञानिकों को अनुसंधान के नए क्षेत्रों से भी परिचित कराया। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ पन्ग रुइपेन्ग, डॉ. मुकेश कुमार, डॉ. इंद्रजीत भट्टाचार्य, डॉ बी. के. स्थापक (पूर्व-चांसलर, ओपीजेयू), श्री डी. के. सराओगी एवं मेजर जनरल एस. सी. मेस्टन (रिटायर्ड) ने सम्मलेन को सम्बोधित किया एवं अपने बहुमूल्य विचार सभी के साथ साझा किये। डॉ पी. एस. बोकारे, डीन-स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग, ओपीजेयू ने अंत मे सभी अतिथियों का सम्मेलन मे शामिल होने के लिए आभार व्यक्त किया। इस मौके पर सम्मेलन कि स्मारिका के विमोचन के साथ ही साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया जिसमे ओपीजेयू के छात्रों द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रमों का अतिथियों ने बहुत आनंद उठाया। उदघाटन सत्र मे विश्वविद्यालय के सभी छात्र एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

सम्मेलन के दो दिन के प्रमुख एवं प्लीनरी सत्रों मे श्री पीटर वैंग, निदेशक, सिनोसप्लेन्डर इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी कंपनी लिमिटेड, चीन, डॉ अल्लाबक्श नाइकोडी, हेड-आर एंड डी, महिंद्रा इलेक्ट्रिक प्राइवेट लिमिटेड, बैंगलोर, डॉ. पवन कुमार, रिसर्च प्रोफेसर, जोहानसबर्ग विश्वविद्यालय, दक्षिण अफ्रीका , श्री लोकेश रंजन श्रीवास्तव, सीईओ, एयरोस्पेस एंड डिफेंस, टाटा एरोस्पेस लिमिटेड, हैदराबाद, श्री अकिलुर रहमान, मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी, एबीबी इंडिया लिमिटेड, बैंगलोर, डॉ. अंकिता सिंह, वाइस प्रेजिडेंट और ग्लोबल हेड-एचआर, सी जेनेक्स डाटामेटिक्स, अहमदाबाद , श्री बिरेंद्र के. अग्रवाल, कार्यकारी निदेशक, बजाज पावर लिमिटेड, नई दिल्ली, डॉ. व्लादिमीर ममलीगा, निदेशक, एनटीयू, यूक्रेन, श्री विजय कुमार, हेड  (एक्सटर्नल अफेयर्स और सीएसडी), टाटा हिताची कंस्ट्रक्शन मशीनरी, बैंगलोर, श्री पार्थसारथी , फ्रोनियस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, पुणे, श्री नदीम काजिम, मुख्य मानव संसाधन अधिकारी, टीआईएल ट्रैक्टर, कोलकाता, श्री पी. भावे, जनरल  मैनेजर, एएफसीओएनएस इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई, श्री निमिष जैन, प्रबंध निदेशक, सोलरिग, मुंबई, श्री प्रदीप पात्रा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, जिंदल साऊथ वेस्ट, मुंबई, डॉ. अमितांशु पटनायक, सीनियर साइंटिस्ट, डीटीआरएल डीआरडीओ, नई दिल्ली, श्री श्रीकर  शेनॉय, निदेशक, स्टील प्लांट स्पेशिलिटीज एलएलपी, मुंबई, और अन्य विशेषज्ञों ने व्याख्यान के माध्यम से अपने- अपने  शोध कार्यों की जानकारी को साझा किया।

सम्मेलन मे प्लेनरी व्याख्यानों के अलावा शोध पत्रों का भी वाचन सम्मिलित शोधार्थियों एवं विद्वानों द्वारा किया गया। सम्मेलन के दौरान ‘एनर्जी आडिट एन्ड एनर्जी मैनेजमेंट’ विषय पर कार्यशाला डॉ व्लादिमीर ममलीगा, डायरेक्टर एन्ड प्रोफ़ेसर, कीव यूनिवर्सिटी, उक्रेन द्वारा तथा ‘फटीग एन्ड इट्स  क्रैक प्रिडिक्शन’ विषय पर कार्यशाला डॉ पवन कुमार, रिसर्च प्रोफ़ेसर, यूनिवर्सिटी ऑफ़ जोहान्सबर्ग , साउथ अफ्रीका द्वारा संचालित की गयी, जिसमें बड़ी संख्या में प्रतिभागी उपश्थित रहे तथा लाभान्वित हुए।

सम्मेलन के समापन सत्र मे डॉ बी. के. स्थापक (पूर्व-चांसलर, ओपीजेयू) ने कहा– “आशा है की यह अधिवेशन प्रतिभागियों की जानकारी और ज्ञान का स्तर बढ़ाने  मे तथा तकनीकी विकास को आगे बढ़ाने मे मदद करेगा।“ ओपीजेयू के कुलपति डॉ आर. डी. पाटीदार ने सभी प्रतिभागियों एवं अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा की उनके प्रयासों एवं सहयोग के बिना इस अधिवेशन का आयोजन संभव नहीं था। उन्होने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सभी प्रतिभागियों, स्पोंसर्स, सहकर्मियों एवं विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया और अंत मे सभी प्रतिभागियों से यह अपील की कि वह अपने साथ अच्छी बातों को ले जाएँ और शोध की दिशा मे और अधिक सार्थक प्रयास करें । इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों एवं अतिथियों ने अपने विचार व्यक्त किए और सम्मेलन को सार्थक बताया।

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