राष्ट्रीय

कांग्रेस में कलह बढ़ी: आनंद शर्मा को अधीर रंजन चौधरी ने तथ्य जानने की नसीहत दी, जम्मू में गुलाम नबी आजाद के खिलाफ प्रदर्शन

नई दिल्‍ली, 2 मार्च। कांग्रेस में कलह तेज होती जा रही है। एक तरफ G-23 यानी पार्टी की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने वाले कांग्रेस के ही 23 नेता कोई न कोई बयान दे रहे हैं, तो दूसरे गुट के नेता उनका विरोध कर रहे हैं। ताजा विवाद G-23 के आनंद शर्मा और गुलाम नबी आजाद से जुड़ा है। शर्मा के एक बयान पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने पलटवार किया है तो गुलाम नबी आजाद के खिलाफ जम्मू के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी कर और पुतला जलाकर विरोध जताया है।

आनंद शर्मा ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) के साथ गठबंधन करने पर सोमवार को सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ऐसा करना कांग्रेस की मूल विचारधारा, गांधीवाद और नेहरू के सेकुलरिज्म के खिलाफ है। शर्मा के इस बयान के खिलाफ कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने मोर्चा खोल दिया है।

चौधरी ने शर्मा को उनके फैक्ट जानने की नसीहत देते हुए मंगलवार को सोशल मीडिया पर लिखा, ‘पश्चिम बंगाल में CPI (M) के नेतृत्व वाला वाम मोर्चा सेक्युलर गठबंधन को लीड कर रहा है। कांग्रेस इसका अंदरुनी हिस्सा है। हमने BJP की सांप्रदायिक और बांटने वाली पॉलिटिक्स को हराने का संकल्प लिया है।’

चौधरी ने आगे कहा, ‘कांग्रेस को अपने हिस्से की पूरी सीटें मिली हैं। लेफ्ट फ्रंट अपने हिस्से की सीटें नए बने ISF को अलॉट कर रहा है। जो लोग भाजपा की जहरीली सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ना चाहते हैं, उन्हें कांग्रेस को सपोर्ट करना चाहिए।’

उधर, जम्मू में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गुलाम नबी आजाद के खिलाफ नारेबाजी की और आजाद का पुतला जलाया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि कांग्रेस ने आजाद को हमेशा सम्मान दिया, लेकिन आज जब पार्टी को मदद की जरूरत है तो वे भाजपा से दोस्ती दिखा रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष आजाद की शिकायत लेकर दिल्ली पहुंचे

दो दिन पहले जम्मू-कश्मीर में G-23 सम्मेलन और आजाद के बयानों से नाराज जम्मू कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर शिकायत करने दिल्ली पहुंच गए हैं। मीर ने यहां संगठन के प्रभारी केसी वेणुगोपाल, राज्य के प्रभारी रजनी पाटिल और पार्टी के टॉप लीडर्स से मुलाकात कर मौजूदा हालात के बारे में बताया। बताया जाता है कि मीर यहां राहुल गांधी से भी मुलाकात करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, मीर ने कहा है कि आजाद के बयान से जम्मू कश्मीर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में काफी नाराजगी है।

अब हरियाणा में G-23 नेताओं की बैठक

जम्मू कश्मीर के बाद अब हरियाणा में कांग्रेस के G-23 नेताओं की बैठक हो सकती है। बताया जा रहा है कि इन नेताओं ने जम्मू-कश्मीर में सफल आयोजन के बाद हरियाणा में भी इस इवेंट को प्लान करना शुरू कर दिया है। ये बैठक कुरुक्षेत्र में हो सकती है। इन सभी हालात पर कांग्रेस की टॉप लीडरशिप नजर बनाए हुए है। सोनिया गांधी G-23 ग्रुप में शामिल नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं करना चाहती हैं, इसलिए हर कोई संभलकर इस मुद्दे का हल निकालने में जुटा है।

कांग्रेस का G-23 क्या है, यह क्या चाहता है?

कांग्रेस हाईकमान से नाराज इन 23 सीनियर नेताओं के गुट को G-23 के नाम से जाना जाता है। इन्होंने पिछले साल सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर पार्टी के तौर-तरीकों पर सवाल उठाए थे। सूत्रों के मुताबिक G-23 नेताओं में हाल ही में राज्यसभा से रिटायर हुए गुलाम नबी आजाद के साथ हुए सलूक को लेकर भी नाराजगी है।

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