छत्तीसगढ

किसानों के साथ-साथ गरीबों, पिछड़ों, श्रमिकों सहित सभी के विकास का बजट: डॉ. शिव डहरिया

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए प्रस्तुत बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नगरीय प्रशासन और श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने कहा कि यह बजट प्रदेशवासियों के लिए विकासपरक और काफी राहत देने वाला है। मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तुत इस बजट में किसानों के साथ-साथ ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के गरीबों, पिछड़ों, श्रमिकों सहित सभी के लिए विकास और सुरक्षा की व्यवस्था की गई है।

मंत्री डॉ. डहरिया ने प्रतिक्रिया में कहा कि बजट में अुनूसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग सहित सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखा गया है। यह बजट सामाजिक समरसता के साथ सभी वर्गों के लिए कल्याणकारी हैं। प्रदेश के 65 लाख 22 हजार राशन कार्डधारी परिवारों को अनाज उपलब्ध कराने के लिए तीन हजार 410 करोड़ का बजट प्रावधान प्रंशसनीय है। अनुसूचित जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में पौष्टिक आहार के लिए प्रति परिवार दो किलो चना के लिए 171 करोड़ तथा बस्तर संभाग में दो किलो गुड़ वितरण करने के लिए 50 करोड़ का बजट प्रावधानित किया गया है।

श्रम मंत्री डॉ. डहरिया ने श्रम विभाग के बजट पर कहा कि प्रदेश के असंगठित श्रमिकों के सुरक्षा एवं कल्याण के लिए 38 करोड़ और ठेका मजदूर, घरेलू कामकाजी महिलाओं एवं हम्मालों के कल्याण के लिए 15 करोड़ का बजट प्रावधान सराहनीय कदम है।

मंत्री डॉ. डहरिया ने मुख्यमंत्री द्वारा नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के लिए प्रस्तुत बजट पर कहा कि श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के ग्रामीणों के साथ-साथ शहरी लोगों के लिए उदारता प्रकट किया हैं। 13 नगर निगम क्षेत्र के निवासियों के लिए मुख्यमंत्री मितान योजना प्रारंभ कर नगरीय प्रशासन, राजस्व, श्रम एवं स्वास्थ्य सहित विभिन्न विभागों की 100 से अधिक सेवाओं का लाभ नागरिकों को उनके घर पर मितान के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। यह मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की दूरदृष्टि सोच का द्योतक है। शहरी नागरिकों की बुनियादी समस्याओं के निराकरण के लिए प्रारंभ की गई मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय योजना के लिए पांच करोड़ का बजट जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में बेहतर साबित होगी। स्थानीय शहरी नागरिकों को पारंपरिक व्यवसायों से जोड़ने और उन्हें आत्मनिर्भन बनाने के लिए पौनी-पसारी योजना शुरू की है। इसके तहत सभी 166 नगरीय निकायों में प्रति इकाई 30 लाख की लागत से 255 पौनी-पसारी बाजार बनाया जाएगा। नगरीय क्षेत्र में अधोसंरचना विकास के लिए 489 करोड़, स्मार्ट सिटी के लिए 396 करोड़, अमृत मिशन के लिए 300 करोड़ का बजट प्रावधान शहरी लोगों को भूलभूत सुविधा मुहैया कराने के लिए कारगर होगा।

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