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किसान आंदोलन पर बोले राकेश टिकैत, 2024 तक रहेगा जारी, नए कृषि कानूनों को हटाकर ही लौटेंगे घर

नई दिल्ली, 4 जून। तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों और केंद्र सरकार के बीच तकरार जारी है। इस बीच भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि उनका आंदोलन वर्ष 2024 तक जारी रहेगा। शुक्रवार को राकेश टिकैत ने अपना जन्मदिन मनाया और साफ किया कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा। राकेश टिकैत ने कहा कि ‘सरकार निश्चित तौर से इन कानूनों को वापस लेने के लिए राजी हो जाएगी। कानून 2024 तक वापस लिया जाएगा। यह तीन साल में निश्चित होगा। कानून वापस हो जाएगा।’

यहां आपको बता दें कि देश की मौजूदा NDA सरकार का कार्यकाल साल 2024 में खत्म होगा। इसके बाद देश में लोकसभा चुनाव कराए जाएंगे। जब राकेश टिकैत से पूछा गया कि ‘उन्हें इतना विश्वास क्यों है? जब सरकार इस कानून निरस्त करने के लिए नहीं बल्कि 18 महीने के लिए सस्पेंड करने पर पहले ही तैयार थी। इसपर जवाब देते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि वो कानून को वापस क्यों नहीं लेंगे? नहीं, से आपका क्या मतलब है…आपको लगता है कि यह असंभव है?’

हालांकि अपने द्वारा लगाए गए कयासों को लेकर किसान नेता ने साफ-साफ कुछ भी नहीं कहा। जब उनसे यह पूछा गया कि क्या कानून को निरस्त करने को लेकर सरकार से उनकी कोई बातचीत हुई है? इसपर किसान नेता ने जवाब देते हुए कहा कि ‘ नहीं हमने जनता से बातचीत की है। जनता तय करेगी और सरकार को कानून को वापस लेना होगा।’

फोन पर CM योगी से हुई बातचीत
राकेश टिकैत ने बताया कि उन्होंने हाल ही में ‘उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बातचीत है उनके साथ कोई बैठक नहीं हुई है। यूपी में गन्ना किसानों को 23,000 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाना है। हमनें पेंडिंग पड़े भुगतान के मुद्दे को उठाया है। इसके अलावा डीजल और बिजली के बढ़ते दामों से परेशान किसानों को लेकर भी बातचीत की है।’

योगी से जल्द होगी मुलाकात
राकेश टिकैत ने आगे कहा कि ‘कोरोना महामारी का असर कम होने के बाद हम यूपी के मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे। हजारों किसान खासकर पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के किसान पिछले साल सितंबर के महीने में पास किये गये इन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।’

आपको बता दें कि राकेश टिकैत वेस्टर्न यूपी से ताल्लुक रखते हैं। यहां किसानों की तादाद काफी ज्यादा है और पिछले चुनाव में इन किसानों ने बीजेपी को वोटिंग में भारी दिलचस्पी भी दिखाई थी।

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