छत्तीसगढ

केंद्रीय और राज्य पूलों से बचे धान से बनेगा “एथलॉन”… प्रेस कॉन्फ्रेंस में CM ने दी जानकारी

रायपुर, 20 अक्टूबर। राजीव भवन में आज प्रदेश का मुखिया भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि अभी लगातार देश में कृषि कानून को लेकर चर्चा हो रही है। कृषि कानून में बदलाव के लिए राजनीतिक दल और किसान संगठन ने मांग नहीं किया। ये कानून सिर्फ पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने का है।
एथॉनल का रेट 54 रुपया प्रतिकिलो के हिसाब से खरीदी होगी और ये सम्भव हुआ हमारे लगातार  आग्रह और दबाव के कारण। एथॉनल बनाने के लिए हमारा अनुबंध हो चुका है। गन्ना और धान से एथॉनल बनाएंगे। अनाज सड़े उसके बजाय एथॉनल बनाने की अनुमति दी जाए। भले ही वो पीट थपथपा रहे है, लेकिन हमारे प्रयासों से सफलता मिली। एक साल बाद छत्तीसगढ़ में एथॉनल प्लांट शुरू हो सकता है। मुंगेली में 2 जांजगीर और महासमुंद में 1-1 प्लांट लगेगा।
मंगलवार के प्रेसवार्ता के दौरान किसानों के मुद्दों समेत केंद्रीय मंत्री संजीव कुमार बालियान के बयान पर कटाक्ष किया है। उन्होंने धान से एथेनॉल बनाने की बात कही है। साथ ही जानकारी दी है कि 4-5 कंपनियों से राज्य सरकार MOU किया है।

‘कृषि कानून में बदलाव करना चाहिए’

CM बघेल ने केंद्रीय मंत्री संजीव कुमार बालियान के बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हमारे मंत्री ने चुनौती पहले ही स्वीकार कर ली थी, लेकिन कोई बहस करने नहीं आया। बता दें केंद्रीय मंत्री ने छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान कृषि कानूनों पर बहस की चुनौती दी थी। जिसे लेकर CM भूपेश बघेल ने भी निशाना साधा है। केंद्र सरकार के बनाए गए नए कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ राज्य सरकार ने पहले ही अपना विरोध दर्ज करा दिया था। CM ने कहा कि कृषि कानून में बदलाव करना चाहिए। उन्होंने पुछा कि अनाज खरीदने की व्यवस्था FCI करती है। राज्य सरकार एक माध्यम है। जब एजेंसी है तो केंद्र सरकार लिमिट क्यों तय करती है।

‘हम किसानों को धोखा नहीं दे सकते हैं’

CM बघेल ने कहा कि मोदी जब पीएम बने तब नियम में संशोधन हुआ। जहां बोनस दिया जाएगा वहां से धान खरीदी नहीं की जाएगी। इसका हम लगातार विरोध कर रहे हैं। केंद्र ने अधिक धान लेने से इंकार कर दिया था। हमारे सामने ये समस्या थी कि प्रदेश में धान के अलावा दूसरी फसल नहीं होती है। बावजूद केंद्र सरकार नहीं मानी। लेकिन हम किसानों को धोखा नहीं दे सकते हैं। उन्होंने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार देर सवेर मंडी बंद करना चाहती है। MSP भी बंद करना चाहती है।

‘गन्ना और धान दोनों से बनाएंगे एथेनॉल’

CM भूपेश बघेल ने कहा कि हमने कृषि विशेषज्ञों की कार्यशाला और वैज्ञानिकों से रिसर्च के आधार पर एथेनॉल के लिए काम शुरू किया। इसके लिए हमने केंद्र सरकार के तमाम मंत्रियो और पीएम को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि हम गन्ना और धान दोनों से एथेनॉल बनाएंगे। उन्होंने पूछा कि राज्य सरकार यदि एथेनॉल बनाना चाहती है तो एफसीआई से ही प्लांट क्यों। ऐसे में हमारे राज्य के धान का उपयोग कैसे हो पाएगा।

‘किसानों को होगी अतिरिक्त आय’

प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम ने कहा कि फ्यूल उस धान से बनेगा जो सेंट्रल पूल और स्टेट पूल में खरीदी के बाद भी बच जाता है। इससे किसानों को धान बेचने के अलावा अतिरिक्त आय होगी। जहां प्लांट लगेगा वहां लोगों को रोजगार मिलेगा। किसानों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। मंत्री रविंद्र चौबे ने इस दौरान केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि राज्य सरकार के साथ मिलकर केंद्र सरकार वहां प्लांट लगाए जिन जिलों में उत्पादन ज्यादा है। हमारी कोशिश होगी कि हमारे राज्य के पूरे धान का उपयोग हो सके। एथेनॉल को लेकर छत्तीसगढ़ की जनता जानती है कि इसके लिए हमने प्रयास किया है। केंद्र सरकार 54 रुपए लीटर प्रति लीटर के भाव से एथेनॉल खरीदेगी। इसके लिए 1 साल के भीतर छत्तीसगढ़ में प्लांट लगा दिया जाएगा।

‘एथेनॉल इको-फ्रैंडली फ्यूल’

छत्तीसगढ़ सरकार लगातार धान से एथेनॉल बनाने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी की मांग कर रही थी। बता दें एथेनॉल को पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल ही किया जा सकता है। इसे शर्करा वाली फसलों से भी तैयार किया जा सकता है, लेकिन इसके इस्तेमाल से 35 फीसदी कम कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन होता है। एथेनॉल में 35 फीसदी तक ऑक्सीजन होता है। एथेनॉल इको-फ्रैंडली फ्यूल माना जाता है। साथ ही पर्यावरण को जीवाश्म ईंधन से होने वाले खतरों से सुरक्षित भी रखता है। एक्सपर्ट का मानना है कि एथेनॉल फ्यूल हमारे पर्यावरण और गाड़ियों के लिए सुरक्षित है।

राजभवन से टकराव पर CM बोले

विधानसभा सत्र को लेकर राजभवन से टकराव पर भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कोई भी बिल विधानसभा से पास होने के बाद राजभवन जाता है। सबसे पहली बात है कि जो पूर्ण बहुमत की सरकार है उसे सत्र बुलाने से राज्यपाल नहीं रोक सकते हैं। इसके बाद भी अगर कोई जवाब तलब होगा तो जवाब जरूर देंगे।

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