छत्तीसगढ

केन्द्र की लोकहितकारी योजनाओं का मैचिंग ग्रांट न देने वाली सरकार : बृजमोहन

रायपुर, 18 जनवरी। भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस की भूपेश सरकार कंगाल, बदहाल और दिवालिया हो गई है। विकास के काम ठप पड़े हुए हैं। यह सरकार पुराने ऋण का ब्याज नहीं दे पा रही है। इस सरकार के पास केन्द्र की योजनाओं का मैचिंग ग्रांट का पैसे तक नहीं है। इसके बाद भी ऋण पर ऋण लिए जा रही है। वास्तव में यह सरकार अपनी जेब भरने में लगी हुई है। इस किसान, मजदूर, नौजवान और महिलाओं की शोषक सरकार को एक मिनट भी सत्ता पर रहने का अधिकार नहीं है।

श्री अग्रवाल आज पत्रकारों से बैंक द्वारा सरकारी सम्पत्ति को जप्त करने की घटना पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। उन्होंने कहा कि पूरे छत्तीसगढ़ में विकास के काम ठप हैं। जो पूर्व की सरकार ने विकास के काम शुरू किए थे, उसे पूरा नहीं किया जा रहा है। नए काम तो किसी प्रकार से हो ही नही रहे हैं। इस सरकार का बजट पूरी तरह आंकड़ों की बाजीगरी का खेल है।

उन्होंने कहा कि हम पूछना चाहते हैं कि सरकार के पिछले वर्ष के बजट में निर्माण कार्य के लिए पूंजीगत खर्च है, उसका कितना प्रतिशत खर्च हुआ है। वास्तव में उस पूंजीगत खर्च का 25 प्रतिशत भी खर्च नहीं किया गया है और जो सरकार अपने पुराने ऋण को नहीं चुका पा रही है। उसके ब्याज को नहीं चुका पा रही है। जो लोकहितकारी प्रधानमंत्री आवास का पैसा नहीं दे पा रही है। जो लोगोें के घरों में नल लगाने का पैसा नहीं दे पा रही है। जो स्कूल कालेज और सामुदायिक भवन नहीं बना पा रही है। जो महिलाओं के नाम पर मिलने वाले गैस कनेक्शन नहीं दे पा रही है। ऐसी सरकार किसानों को सिर्फ 25 सौ रुपए धान की खरीदी कर अपने दायित्वों की इतिश्री मान ले रही है।

श्री अग्रवाल ने कहा कि ये सरकार केन्द्र की योजनाओं में मिलने वाले पैसे का मैचिंग ग्राँड नहीं दे पा रही है। आखिर सड़कों पर कौन चलेगा किसान चलेंगे, स्कूल में कौन पढेगा किसानों के बच्चे पढ़ेंगे। पुल पुलिया का उपयोग कौन करेगा किसान करेंगे। उन्होंने कहा वास्तव में यह सरकार किसानों की शोषक सरकार है। नौजवानों की शोषक सरकार है। महिलाओं की शोषक सरकार है। यह पूरी तरह दिवालिया सरकार है। इस सरकार ने 51 हजार करोड़ रुपए लोन ले लिया है, इनके बजट का 20 प्रतिशत तो लोन पटाने और ब्याज पटाने में खर्च हो रहा है। कुल बजट का 7 से 8 प्रतिशत खर्च पूंजीगत व्यय के लिए रखा जाता है और उसका भी 25 प्रतिशत खर्च न होना दुर्भाग्यजनक है।

श्री अग्रवाल ने कहा कि इस सरकार में इससे पहले रायपुर विकास प्राधिकारण को 4 सौ करोड़ से अधिक लोन पटाने का नोटिस मिल चुका है। नई राजधानी जिसके लिए बड़ी बड़ी बात की गई उस पर भी अब बैंक ने कब्जा ठोक दिया है। उन्होंने कहा कि इस सरकार में सिर्फ कमीशनखोरी हो रही है, जो टेंडर हो रहे हैं, वह सिर्फ कमीशन के लिए हो रहे हैं। उसके बाद पैसों के अभाव में काम बंद हो जा रहे हैं। यह कहानी सिर्फ नया रायपुर की ही नहीं बल्कि रायपुर शहर की भी हैं, जहाँ एक्सप्रेस वे पिछले तीन सालो में पूर्ण नहीं हो पा रहा है। स्कॉईवाक का पिछले तीन सालों में निर्णय नहीं हो पाया है। अंडर ब्रिज के निर्माण नहीं हो पा रहे हैं।

श्री अग्रवाल ने कहा यह सरकार अधोसंरचना के मामले में छत्तीसगढ़ को पीछे ढकेलने वाली सरकार है। इस सरकार से कोई उम्मीद नहीं की जा सकती है। भाजपा की सरकार ने जो पिछले पन्द्रह सालों में प्रदेश की तस्वीर और तकदीर बदली थी, उस तस्वीर और तकदीर को उजाड़ने और धुंधला करने का काम इस सरकार ने किया है। इस सरकार के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ बस नहीं रहा, बल्कि उजड़ रहा है।

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