केन्द्र सरकार द्वारा समर्थन मूल्य 53 रू. बढ़ोत्तरी देश के धान उत्पादक किसानों के साथ अन्याय: नंदकुमार पटेल
रायपुर, 3 जून। केन्द्र सरकार द्वारा धान का समर्थन मूल्य का घोषणा किया गया जिसमें मात्र 53 रूपये प्रति क्विंटल की वृध्दि की गई है यह किसानों के लिए ऊॅट के मूंह में जीरा के समान है। एक तरफ किसानों से वोट लेते समय किसानो की आमदनी दो गुना करने की बात करते है वही जब धान का मूल्य निर्धारण करते समय मात्र 53 रूपये की वृद्धि करता है भाजपा पूर्व में 2013 के चुनाव में 2100 रूपये समर्थन मूल्य एवं 300 रूपये बोनस देने की बात कही थी। आज समर्थन मूल्य उसी के अनुसार दे देते तो भी किसानो के साथ न्याय हो जाता। छत्तीसगढ़ प्रदेश विधि कांग्रेस के प्रदेश सचिव अधिवक्ता श्री नंदकुमार पटेल ने कहा कि हमारे छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल पिछले साल से ही किसानों कोे धान का सर्मथन मूल्य 2500 रूपये दे दिये है। उसके बाद अब 1868 रूपये हुआ है तो हमारे छत्तीसगढ़ के किसान के लिए घोर निराशा का विषय है। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा दिये जा रहे धान के मूल्य से 632 रूपये कम है छत्तीसगढ़ के किसानों को निराशा हाथ लगी है जिससे किसानो में हताशा है। श्री पटेल ने आगे कहा कि आज 6 वर्ष व्यतित होने के बाद भी किसानो के प्रति सोच नही बदली। कृषि लागत का डेढ़ गुना देने की बात केन्द्र की सरकार ने सत्ता मेे आने के पहले किये थे अपने 11 वर्ष के कार्यकाल में 460 रूपये की वृद्धि किये है जबकि यू.पी.ए. कांग्रेस कार्यकाल में 890 रूपये की वृद्धि किये थे 53 रूपये की बढ़ोत्तरी किसानो के साथ मजाक है किसानों की कृषि लागत, लगातार बढ़ता जा रहा है। डीजल, खाद ,बीज, मजदूरी सभी की दरो में डेढ़ गुना बढ़ोत्तरी हो गया है किसानो को उम्मीद थी की हमारे धान के समर्थन मूल्य 2500 से अधिक किये होते, लेकिन घोषणा के बाद किसानो के साथ मजाक हुआ है। कोविड 19 के विषम परिस्थिति में केन्द्र सरकार द्वारा 20 हजार करोड़ की आर्थिक पैकेज की जो घोषणा की गई है वह भी किसानो के लिए निरर्थक है 20 हजार करोड़ में किसानो को प्रति क्विंटल के हिसाब से 700 रूपये प्रदान करते तो किसानो को इस विषम परिस्थिति में सहायता मिलती।