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कैट के विरोध के बाद केंद्र सरकार ने लिया फैसला वापस, अब ऑनलाइन कम्पनियां नही बेच सकेंगी गैर-जरूरी वस्तु

रायपुर। कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मंगेलाल मालू, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, प्रदेश महामंत्री जितेंद्र दोशी, प्रदेश कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, प्रदेश कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं प्रदेश प्रवक्ता राजकुमार राठी ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा 2 दिन पूर्व 20 अप्रैल से ऑनलाइन कम्पनियों को फ्रीज़, कूलर, ए.सी.,कंप्यूटर की ऑनलाइन बिक्री की देश मे अनुमति देने के पश्चात छोटे एवं मध्यम व्यापारियों की देश की सबसे बड़ी संस्था कैट द्वारा इस निर्णय को गलत ठहराते हुए सरकार से कहा गया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के बावजूद देश के व्यापारियों ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए पूरी देश की जनता को दवाई, राशन, दूध जैसी आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराने के साथ-साथ देश के लाखों फसे हुए मज़दूरों तक मुफ्त में भोजन व सूखा राशन पहुँचाने के साथ-साथ प्रधानमंत्री आपदा कोष एवं मुख्यमंत्री सहायता कोष में करोड़ो रूपये की धनराशि प्रदान की जबकि इस संकट कि घड़ी में अमेज़न फ्लिपकार्ट, वालमार्ट कम्पनियां कही भी देश की जनता के साथ व देश की सरकार व प्रदेश की सरकार के साथ खड़ी नही दिखाई दी। श्री पारवानी ने सरकार से अपील की है कि यदि लॉक-डाउन अवधि में ऑनलाइन कम्पनियों को फ्रीज़, कूलर, ए.सी., कंप्यूटर बेचने की छूट दी गयी तो ये देश के करोड़ो व्यापारियों के साथ कुठाराघात होगा। जिन्होंने फरवरी में ही गोडाउन में इन वस्तुओं का संग्रह करके रख है एवं वस्तुओं को किसी भी स्थिति में 1 साल तक गोदाम मे रखना ना तो संभव है और ना ही छोटे व माध्यम व्यापारी के पास इतनी पूंजी है कि उन्हें रोक के रख जा सकते।

श्री पारवानी ने कहा कि देश की सबसे बड़ी व्यापारियों की संस्था कैट की भावना का सम्मान करते हुए आज केंद्र सरकार द्वारा ऑनलाइन कम्पनियों को गैर जरूरी वस्तु सप्लाई नही करने का फैसला सुनाया गया है। इस फैसले से कैट से जुड़े व्यापारियों में खुशी की लहर दौड़ गयी है।

श्री पारवानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि देश का व्यापारी समाज ना केवल इस संकट की घड़ी में बल्कि हर वक्त सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।

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