छत्तीसगढ

कोरोनाकाल: मलेरिया, डेंगू एवं जलजनित बीमारियों में कमीं… मुख्य वजह स्वच्छता और जागरूकता… जनवरी से अब तक मिले केवल 9 मामले

रायपुर, 12 अगस्त। कोरोनावायरस महामारी ने लोगों की दिनचर्या और रहन-सहन को खासा प्रभावित किया है। महामारी के चलते लोग स्वास्थ्य के प्रति सचेत और जागरूक हुए हैं। यही कारण है कि मौसमी बीमारियों के मरीज गत वर्षों की तुलना में अस्पताल कम पहुंच रहे हैं। वहीं साफ सफाई और सेनेटाइजेशन के कार्य की वजह से बरसात का मौसम होने के बावजूद ,इस वर्ष शहर में मलेरिया और डेंगू के मामले नहीं के बराबर हैं। जनवरी 2020 से अब तक मलेरिया के सिर्फ 9 मामले ही सामने आए हैं। जबकि बरसाती दिनों में शहरी क्षेत्रों में मामले तेजी से बढ़ते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है।

जिला मलेरिया अधिकारी रायपुर डॉ. विमल किशोर राय का कहना है मलेरिया विभाग के कर्मचारी अपने-अपने क्षेत्रों में सर्वे और जनजागरूकता के कार्य में जुटे हुए हैं। कोविड महामारी की वजह से लोगों बीमारियों के प्रति सजगता और स्वच्छता के प्रति जागरूकता आई है जिसके कारण इस वर्ष बरसात के मौसम में भी मलेरिया के केवल 9 मामले ही मिले हैं और डेंगू का कोई भी नहीं। हर वर्ष डेंगू के मामले जुलाई में ही शुरू हो जाते हैं मगर अभी तक एक भी मामला नहीं मिला है। हालांकि टीम के साथ ही मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी घरों में जाकर लोगों को जागरूक करने का कार्य कर रही हैं और जमे हुए पानी को खत्म करने के कार्य में जुटी हैं ताकि लार्वा नहीं पनपे।

उल्लेखनीय है कि मलेरिया रोकथाम और उन्मूलन के लिए कई स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। रायपुर जिले में वैसे तो वार्षिक परजीवी सूचकांक 0.04 प्रति 1000 है, फिर भी 2023 तक सूचकांक को 0 तक लाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए “जीरो मलेरिया स्टार्ट विथ मी” थीम पर कार्य हो रहा है।

कोविड-19 की वजह से लॉकडाउन किया गया था। वर्तमान में भी जरूरत होने पर ही लोग घर से बाहर निकल रहे हैं। लोगों ने घर की साफ सफाई, जमे हुए पानी की निकासी पर भी लोगों ने ध्यान देना शुरू कर दिया है जिसके कारण डॆगू और मलेरिया के मामले नहीं के बराबर हैं। मलेरिया विभाग के कर्मचारी कोविड के साथ-साथ मलेरिया और डेंगू के लिए भी लोगों को जागरूक कर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि डेंगू का लार्वा लोगों के घरों में मिलना बंद हो गया है। मलेरिया विभाग द्वारा लगातार सर्वे कर मकानों में पनप रहा लार्वा नष्टीकरण किया जा रहा हैI नगर निगम भी साफ-सफाई पर खासा ध्यान दे रही है। इन दिनों लोगों द्वारा अपनाए गए सुरक्षा उपाय से मलेरिया व डेंगू के मामले इस समय कंट्रोल में हैं।

लगभग 1.5 लाख की हुई जांच- मलेरिया विभाग द्वारा जनवरी 2020 से जुलाई तक कुल 1,45,690 की जांच हुई, इनमें से 9 लोग मलेरिया पॉजिटिव मिले। रायपुर जिले के अभनपुर में 17,317 जांच 4 पॉजिटिव, आरंग में 24,564 जांच 1 पॉजिटिव, धरसींवा 16,168 में 1 पॉजिटिव, तिल्दा 13,806 में 1 पॉजिटिव तथा रायपुर अर्बन 73,835 में 2 पॉजिटिव मिले। यानि कुल 9 मलेरिया के केस मिले हैं, इनमें ज्यादातर केस जनवरी से मार्च माह के हैं , जुलाई में सिर्फ 1 केस ही मिला है। हालांकि मलेरिया विभाग की ओर से घरों का सर्वे और डेंगू और मलेरिया को लेकर जन जागरण अभियान चलाया जा रहा है। घरों का सर्वे कर जिन घरों में लार्वा पाया जा हा है उन्हें साफ करवाकर दवा डाली जा रही है।

बरसाती बीमारियां भी कम- जिला अस्पताल रायपुर के चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार बरसात के दिनों में उल्टी, दस्त, पेट दर्द के मरीजों की संख्या ज्यादा अस्पताल के ओपीडी में आती थी। सामान्य दिनों की अपेक्षा कोविडकाल में इन बरसाती बीमारियों के मरीजों की संख्या कमतर है। वैसे इन दिनों लोग अस्पताल आने से भी परहेज कर रहे हैं।

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