छत्तीसगढ

कोरोना काल में मानसिक तनाव आने पर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाकर सामना करें: अनुसुईया उइके

रायपुर, 2 नवंबर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग की एनएसएस ईकाई द्वारा ‘‘कोविड-19 के दौरान खान-पान के विषय में जागरूकता’’ विषय पर आयोजित वेबिनार में शामिल हुई। उन्होंने इस वेबिनार में उपस्थित कुलपति, प्राध्यापकगण, सरपंच, पंच एवं महिला स्वयंसहायता समूहों के प्रतिनिधियों को कोरोना काल में मानसिक तनाव से लड़ने के लिए सकारात्मक सोच अपनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए हमें अच्छे पौष्टिक आहार और दवाईयों की आवश्यकता तो है मगर सबसे अधिक आवश्यकता है कि हम अपनी सोच सकारात्मक रखें। ऐसे दृष्टिकोण से हमारे शरीर में अपने आप बीमारी से लड़ने की क्षमता बढ़ती है, ऐसी सोच रखने वाला कोरोना ही नहीं बल्कि बड़ी से बड़ी मुश्किलों का सामना करता है और उन पर विजय प्राप्त करता है। राज्यपाल ने इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना की पत्रिका ‘आरोहण’ का विमोचन भी किया।

राज्यपाल ने कहा कि कोरोनाकाल ने हमें कई सीख दी है। पुराने समय में हम संयुक्त परिवार में रहते थे और परिवार के बुजुर्ग हमारा मार्गदर्शन करते थे तथा संकट के समय हमेशा ध्यान रखते थे। लेकिन अब संयुक्त परिवार की परम्परा समाप्त हो गई है। परन्तु कोरोना के समय फिर से एक साथ समय बिताने का मौका मिला और एकदूसरे के दुख-दर्द समझने का मौका मिला। इससे हमें मानसिक रूप से ताकत भी मिली। उन्होंने उपस्थित महिला प्रतिनिधियों को कहा कि जीवन में जो आगे बढ़ता है उनके सामने कई परेशानियां आती है परन्तु हमें हिम्मत नहीं हारना चाहिए। उनका मुकाबला वही कर सकता है, जो दृढ़ इच्छा शक्ति रखे। उन्हें बिना हिम्मत हारे संघर्ष करते रहना चाहिए, अवश्य लक्ष्य की प्राप्ति होगी। उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों की चर्चा करते हुए कहा कि मेरे जीवन में भी कई परेशानियां आई, लेकिन हार नहीं मानी। यदि कोई मेरी आलोचना करता था तो उसकी परवाह नहीं करती थी और उसे मैं सकारात्मक रूप में लेती थी एवं दृढ़ इच्छा शक्ति और दोगुने जोश से आगे बढ़ती थी। इसी का परिणाम है कि मैं आज छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के पद तक पहुंची।

राज्यपाल ने हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग एवं इंस्टिट्यूट ऑफ कम्पनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया नई दिल्ली के मध्य आज शिक्षा के क्षेत्र में हुए आपसी समझौता के लिए दोनों संस्थाओं को बधाई दी और कहा कि इस समझौते का सीधा लाभ हमारे विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को मिलें।

राज्यपाल ने कहा कि मौसम तेजी से बदल रहा है, ऐसे मेें सर्दी जुकाम और सामान्य फ्लू होना आम बात है। लेकिन अब इस कोरोना वायरस ने सभी लोगों के मन में डर का मौहाल पैदा कर दिया है। खांसी, बुखार और सांस लेने में दिक्कत कोरोना वायरस के अहम् लक्षण है। इसमें से कोई भी लक्षण होने पर व्यक्ति को आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जाती है और उनका टेस्ट कराया जाता है ऐसे में घबराने और पैनिक होने के बजाए जागरूक बने।

सुश्री उइके कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए इस समय सावधानी बरतने की सबसे अधिक आवश्यकता है। भीड़-भाड़ वाले स्थान में जाने से बचें। अपने आसपास साफ-सफाई रखें और अपने हाथों को बार-बार साबुन से धोयें या सेनिटाइजर का उपयोग करें। खांसते-छींकते समय रूमाल या टीसू पेपर का इस्तेमाल करें। आपस में मुलाकात के दौरान भारतीय परम्परा के अनुसार अभिवादन करें। यह सुरक्षा साधारण परन्तु अहम उपाय हैं अतः इन्हें गंभीरता से लिया जाना बहुत जरूरी है। घर से बाहर निकले तो मास्क पहन कर निकलें। नियमित रूप से व्यायाम और योगा करें।

इस अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग के सचिव धनंजय देवांगन एवं हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग की कुलपति डॉ. अरूणा पल्टा ने भी अपना संबोधन दिया। वेबिनार में भारतीय कंपनी सचिव संस्थान के संचालक एस.के. जेना तथा भारतीय कंपनी सचिव संस्थान के अध्यक्ष आशीष गर्ग भी उपस्थित थे।

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