छत्तीसगढ

कोरोना पर कार्टून प्रहार: हिमांशु ने पुलिस और डॉक्टर को बताया नोवल शक्तिमान

 

यह धर्म की लकीरों से ऊंचा उठ कर कर रहे काम जनता करे इन्हें सलाम

बालोद। कोरोना संक्रमण के बीच पिछले कुछ समय से जमात वाले मसले के बाद से यह बीमारी भी धर्म के अधीन होती नजर आई है। सोशल मीडिया से लेकर तमाम साधनों में धर्म से जुड़ी विभिन्न चर्चाएं देखने को मिल रही है। ऐसे में जिले के कार्टूनिस्ट ने एक ऐसा तंज मारा है, जिसने सभी की आंखें खोल कर रख दी है। एक तरफ लोग हिंदू-मुसलमान कह रहे हैं परंतु डॉक्टर और पुलिस जो कि सदैव इस लड़ाई को लड़ने में तत्पर हैं, वह स्वयं को ना हिंदू बता रहे हैं और ना ही मुसलमान। वह मानवीय धर्म के लिए अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं। हमें उनका सम्मान करना चाहिए यदि वह भी धर्म के बंटवारे में खुद को बांटने लगे तो इस समाज का ख्याल कौन रखेगा।
देश में लगातार कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। जिले के एक कार्टूनिस्ट ने अपने कार्टून के जरिए लोगों के बीच जागरूकता लाने की कोशिश की है। कार्टूनिस्ट का नाम हिमांशु हिरवानी हैं, जो पेशे से एक शिक्षक हैं। उन्होंने अपना एक कार्टून सोशल मीडिया पर शेयर किया है, जिसका नाम “नोवल शक्तिमान 2020 रखा है।
धर्म से ऊपर उठने का संदेशकार्टूनिस्ट ने कार्टून के जरिए डॉक्टर और पुलिस को “नोवल शक्तिमान” बताया है। साथ ही दोनों को धर्म से ऊपर दिखाने की कोशिश की है। कार्टून के साथ लिखा है “हिन्दू कहूं तो हूं नहीं, मुसलमान भी नहीं, ” पांच तत्व का पुतला गैबी खेले माही। यहां गैबी का अर्थ अदृश्य और माही का अर्थ धरती है।
कार्टून के जरिए संदेश दिया गया है कि शरीर पांच तत्वों से मिलकर बना है, जो अदृश्य है। धरती के लोग हिन्दू, मुसलमान जात-पात करते हैं। ऐसे में ये डॉक्टर और पुलिस धर्मों की विभिन्न मतभेद वाली परिभाषा से दूर जान जोखिम में डालकर अपना कर्तव्य निभा रहे हैं।

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