छत्तीसगढ

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन का पालन कराने 72 हजार पुलिस बल 24 घण्टे मुस्तैद : ताम्रध्वज साहू

0 जेलों में फिजिकल डिस्टेंस का पालन कराने 2368 बंदियों को किया गया रिहा

0 पिछले पांच दिन में सड़क, भवन और सेतु निर्माण के 104 कार्य प्रारंभ

0 पर्यटन के क्षेत्र में स्थानीय लोगों के रोजगार के लिए कार्य-योजना तैयार

रायपुर। प्रदेश में कोरोना महामारी के नियंत्रण के लिए लागू लॉकडाउन का पालन कराने के लिए 72 हजार पुलिस बल तैनात किए गए है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान पुलिस विभाग द्वारा कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने एवं लोगों को महामारी से बचाने के लिए धारा-144 का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है। इस संबंध में समय-समय पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पुलिस महानिरीक्षकों और पुलिस अधीक्षकों को दिशा-निर्देश दिए गए है।

गृह एवं लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने आज चिप्स कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती राज्यों- मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिसा, तेलंगाना एवं आंध्रप्रदेश की सीमाओं सहित जिले की सीमाओं को सील करते हुए आवागमन को प्रतिबंधित कराया गया। पुलिस मुख्यालय में कोरोना सेल गठित किया गया है, जहां 24 घण्टे सभी जिलों से सतत् संपर्क स्थापित कर कानून व्यवस्था पर निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए 1316 एफआईआर, 1110 गिरफ्तारी, 2020 वाहन जप्ती तथा मोटर व्हीकल एक्ट के तहत 97 लाख 94 हजार 595 रूपए जुर्माना राशि वसूली की गई।

मंत्री श्री साहू ने बताया कि प्रदेश की जेलों में कैदियों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए फिजिकल डिस्टेंसिंग के साथ ही अनेक सावधानियां बरती जा रही है। 5 केन्द्रीय जेल, 20 जिला जेल एवं 8 उप जेलों से अंतरिम जमानत, नियमित जमानत, पैरोल एवं सजा पूर्ण तथा रिहाई के तहत 2368 बंदियों को रिहा किया गया है। उन्होंने बताया कि पिछले पांच दिनों में लोक निर्माण विभाग द्वारा 40 सड़क, 42 भवन और 22 सेतु निर्माण के कार्य प्रारंभ किए गए है। उन्होंने बताया कि देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए लोकल टूरिज्म को बढ़ावा देने और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए कार्य-योजना तैयार की गई है। इसके तहत वॉटर टूरिज्म एवं एडवेंचर टूरिज्म के लिए मुरूमसिल्ली डैम धमतरी, हसदेव बागो डैम सतरंगा कोरबा, संजय गांधी जलाशय (खुटाघाट) रतनपुर, गंगरेल धमतरी, सरोधा डैम कबीरधाम, समोधा बैराज रायपुर, कोडार डैम रायपुर, मलानिया (गौरेला) तथा दुधावा कांकेर का चयन किया गया है। पर्यटन के दृष्टि से सिरपुर की साईट को और अधिक विकसित करने के लिए कार्ययोजना भी तैयार की जा रही है। प्रदेश में पर्यटन की असीम संभावनाओं को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा ‘पर्यटन नीति-2020‘ तैयार की गई है। उन्होंने बताया कि धार्मिक न्यासों का प्रभावी नियंत्रण के लिए वर्ष 2020-21 के विभागीय बजट में प्रदेश स्तर पर संचालनालय एवं संभाग स्तर पर अधीनस्थ कार्यालयों के गठन के लिए 2.02 करोड़ का बजट प्रावधान के साथ ही कार्यालय के लिए पद स्वीकृत किया गया है। मंदिरों के जीर्णोंद्धार, मरम्मत, रखरखाव एवं धार्मिक स्थलों पर धर्मशाला निर्माण के लिए 2.39 करोड़ रूपए का अनुदान उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के मूलनिवासी को कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए प्रति व्यक्ति 50 हजार की दर से 43.50 लाख रूपए और सिन्धु दर्शन के लिए प्रति व्यक्ति 15 हजार की दर से अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। इसी तरह राजिम माघी पुन्नी मेला, गिरौधपुरी, दामखेड़ा एवं माँ बम्लेश्वरी डोंगरगढ़ के लिए अनुदान उपलब्ध कराया गया है।

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