छत्तीसगढ

कोरोना से फाइट करने कांकेर के युवाओं ने बनाया ऑटोमेटिक टनल

कांकेर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में कोरोना महामारी को हराने के लिए हर वर्ग आगे आ रहा है। समाज का हर वर्ग इस महामारी के खिलाफ युद्ध में अपना योगदान दे रहा है, जिससे कोरोना के वायरस को परास्त किया जा सके। इस प्रयास में कांकेर के इंजीनियरिंग छात्र भी आगे आए हैं। उन्होंने कृषि यंत्रों की सहायता से मात्र दो दिनों में सैनिटाइजर टनल का निर्माण किया है। इस टनल की खासियत यह है कि ये ओटोमैटिक तरीके से काम करेगा, जो शायद ही किसी और टनल में देखने को मिलेगा। सैनिटाइजर टनल का निर्माण करने वाले इंजीनियरिंग के छात्र रह चुके प्रवीण देहारी, प्रतीक साहू और गौरव मिश्रा, प्रशांत देहारी बताते है कि इन दिनों सभी काम बन्द पड़े हैं, जिससे उन्होंने किसी तरह से कोरोना महामारी की लड़ाई में जिला प्रशासन की मदद करने की ठानी है। इस काम को पूरा करने के लिए वे एकजुट होकर काम पर लग गए।

जिला प्रशासन को सौंपने की है इच्छा

सबसे पहले उन्होंने टनल का ढांचा तैयार किया। इसके बाद उसमें कृषि यंत्र 80 पीएसआई का मोटर, 35 पीएसआई का 2 फोगर को फिट किया। ढांचे में पाइप लाइन बिछा कर पीएसआई मोटर के माध्यम से फोगर तक सैनिटाइजर पहुंचाया जाएगा। इस टनल की सबसे खास बात यह है कि इसमें आईआर सेंसर लगाया जा रहा है, जिससे सैनिटाइजर बेकार नहीं होगा। कोई भी व्यक्ति जैसे ही इस टनल में प्रवेश करेगा सेंसर के माध्यम से सैनिटाइजर का स्प्रे ऑटोमेटिक चालू हो जाएगा, जो कि कंट्रोल सर्किट से 10 सेकेंड चलने के बाद स्वयं की बन्द हो जाएगा। अब आप सोच रहे होंगे कि यह मोटर सेंसर लगा ये टनल काफी महंगा होगा, लेकिन ये टनल 5 हजार रुपये से भी कम में तैयार किया गया है। युवाओं की इच्छा इसे जिला प्रशासन को सौंपने की है, ताकि इसका उपयोग भीड़ वाले इलाके में किया जा सके।

बता दें कि सैनिटाइजर टनल राज्य के दूसरे जिलों के प्रमुख चौक या भीड़ वाले इलाकों में लगाया गया है, लेकिन कांकेर जिले में कही भी सैनिटाइजर टनल नहीं लगाया गया है। युवाओं ने इस टनल को अपने खर्च पर तैयार किया है और इसे वो जिला प्रशासन को तोहफे में देना चाहते हैं। इंजीनियरिंग के इन होनहारों छात्रों की मदद से जिले को मोटर सेंसर जैसा टनल तो मिला है। साथ उन्होंने अपने खाली समय में जिला प्रशासन की बड़ी मदद कर दी है। अब देखना यह होगा जिला प्रशासन इसका इस्तेमाल किस तरह से कर पाता है।

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