छत्तीसगढ

कोरोना से हर कदम पर सतर्कता बहुत जरूरी, पोस्ट कोविड लक्षण हैं कम… मगर एंजाइटी के बढ़ रहे मरीज

कोरबा, 27 जनवरी। कोरोना के दूसरी लहर के मुकाबले तीसरी लहर बहुत तेजी से फैल रही है। यह एक संक्रमित व्यक्ति के साथ-साथ पूरे परिवार को अपनी चपेट में ले रहा है। बावजूद इसके लोग इसके कम लक्षण होने की वजह से हल्के में ले रहे हैं। मगर विशेषज्ञों का कहना है कोरोना से हर कदम पर सतर्कता बहुत जरूरी है। हालांकि कोविड संक्रमण से ठीक होने के बाद लोगों में पूर्व की भांति कई शारीरिक परेशानियां तो नहीं आ रही हैं, मगर एंजाइटी (अवसाद, तनाव) के मरीजों की संख्या बढ़ रही है।

यह हम नहीं कह रहे बल्कि पोस्ट कोविड ओपीडी के आंकड़े बयां कर रहे हैं। यहां आने वाले हर 5 में से 2 व्यक्ति एंजाइटी का शिकार हो रहे हैं। पोस्ट कोविड इंचार्ज डॉ. रविकांत सिंह राठौर, संजय तिवारी एवं ताराचंद श्रीवास पोस्ट कोविड के मरीजों की काउंसिलिंग समेत स्वास्थगत परेशानियों का निराकरण कर रहे हैं। चिकित्सकों के मुताबिक पिछली बार की तरह लोगों को पोस्ट कोविड लक्षण काफी कम हैं। विशेषकर वर्तमान कोरोना पॉजिटिव में लक्षण सामान्य से हैं मगर प्रसार तेज होने की वजह से लोगों को कई तरह की भ्रांतियां देखने को मिल रही हैं।

पोस्ट कोविड ओपीडी में ज्यादातर मरीज वह आ रहे हैं जिन्हें हल्के लक्षण थे और उन्हें आइसोलेशन की सलाह दी गई थी। उन मरीजों को लग रहा है कि उनमें लक्षण काफी कम थे फिर बेवजह आइसोलेशन में रखा गया, कुछ परिवार से दूर रहकर परिवार के लिए चिंतित होने से एंजाइटी से पीड़ित हैं। राहत की बात यह है कि इनमें से एक-दो को ही मे़डिसीन दी जा रही है, ज्यादातर मरीज काउंसिलिंग से ठीक हो रहे है।

कोरोना को गंभीरता से लें, रहें सतर्क- डॉ. रविकांत सिंह राठौर ने बताया “पोस्ट कोविड ओपीडी में मरीज खुद से नहीं पहुंच रहे हैं बल्कि कोविड अस्पताल से रेफर होने पर परामर्श के लिए पहुंच रहे हैं। इस बार कोरोना को लेकर लोग गंभीर नहीं हैं, पॉजिटिव मरीजों में भी हल्का सर्दी-जुकाम और बुखार है, जिसको मरीज गंभीर नहीं मान रहे हैं और अव्यवहारिक व्यवहार कर रहे हैं। जबकि कोरोना को गंभीरता से लेकर सतर्क रहना जरूरी है। कोवि़ड बचाव के नियमों का पालन करना जरूरी है। मास्क लगाना, थोड़ी-थोड़ी देर में हाथों को साबुन से धोना, सेनेटाइज करना और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना चाहिए।

दिखे ये लक्षण तो चिकित्सक से लें परामर्श- डॉ. रविकांत सिंह राठौर ने आगे बताया कोरोना पॉजिटिव होने पर या कोरोना को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। चिंता, नींद नहीं आना, घबराहट आदि लक्षण हो तो लोगों को फौरन चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए। क्योंकि यह एंजाइटी अवसाद या तनाव हो सकता है। बिना दवाओं के भी मरीज सिर्फ काउंसिलिंग से ठीक हो रहे हैं। इसलिए जैसे ही असामान्य लक्षण दिखे फौरन चिकित्सकों से सलाह लेनी चाहिए।

नशे का सेवन करने वाले ज्यादा – पोस्ट कोविड ओपीडी विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसे कोरोना पॉजिटिव मरीज जो नशे का सेवन करते थे, उनको आइसोलेशन में रखे जाने पर वह विड्राल सिन्ड्रोम और एंजाइटी के शिकार हो रहे हैं। ऐसे मरीज काउंसिलिंग के लिए ज्यादा रेफरल हैं। हालांकि इन मरीजों को काउंसिलिंग और कुछ दवाएं देकर ठीक किया जा रहा है।

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