छत्तीसगढ

खारून नदी के महादेव घाट में दूधाधारी मठ के पूर्व आचार्यों को राजेश्री महन्त जी के द्वारा तर्पण

रायपुर। आ से पितृ पक्ष प्रारंभ हो चुका है तर्पण का कार्य 28 सितंबर पितृ मोक्ष अमावस्या को संपन्न होगा महामंडलेश्वर के पद से विभूषित राजेश्री डॉक्टर महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज ने राजधानी स्थित खारून नदी के महादेव घाट में पहुंचकर मठ मंदिर के पूर्वाचार्यों को तर्पण किया विदित हो कि इस वर्ष 14 सितंबर उदया तिथि पूर्णिमा से पितरपक्ष प्रारंभ हो चुका है जो पितृमोक्ष अमावस्या पर्यंत 28 सितंबर तक चलेगा छत्तीसगढ़ राज्य के प्रमुख आध्यात्मिक संस्थान श्री दूधाधारी मठ के मठाधीश राजेश्री महन्त राम सुन्दर दास जी महाराज ने राजधानी रायपुर स्थित खारून नदी के महादेव घाट में पहुंचकर मठ मंदिर के सभी पूर्वाचार्यों को तर्पण किया तत्पश्चात दूधाधारी मठ पहुंचकर गुड़, घी ,धूप आदि हवन सामग्रियों से मिट्टी के बने गोर्सी में कंडे प्रज्वलित कर हवन करके पितरों की संतुष्टि के लिए प्रार्थना की, राजेश्री महंत जी महाराज ने कहा कि वर्ष में एक बार पखवाड़े भर के लिए पितृतर्पण का पर्व मनाया जाता है यह हिंदू सनातन धर्मावलंबियों का प्रमुखतम् पर्व है इसमें प्रत्येक व्यक्ति को अपने दिवंगत माता-पिता एवं पूर्वजों की आत्मा की तृप्ति के लिए पितृ तर्पण एवं श्राद्ध विधि पूर्वक करना चाहिए इससे पितर देवता संतुष्ट होते हैं। श्राद्ध के द्वारा दिए गए पिंड, अन्न, जल से तृप्त होकर वे पुनः अपने लोक को गमन कर के अपने वंशजों के कल्याण के लिए आशीर्वाद प्रदान करते हैं ,इससे परिवार में सुख, समृद्धि एवं शांति का वास होता है। यहां यह उल्लेखनीय है कि राजेश्री महन्त जी महाराज श्री दूधाधारी मठ एवं इससे जुड़े हुए सभी मठ मंदिरों के पूर्वाचार्यों के लिए तर्पण एवं श्राद्ध का कार्य पितर तर्पण के प्रारंभ से लेकर पितृ मोक्ष अमावस्या तक रायपुर में संपन्न करते हैं दशमी तिथि को वे शिवरीनारायण पहुंचकर महानदी में श्री महंत लाल दास जी महाराज के साथ ही सभी पूर्वाचार्यौं के तर्पण का कार्य संपन्न करते हैं । महादेव घाट में तर्पण के समय दूधाधारी मठ के मुख्तियार रामछवि दास जी एवं आचार्य कृष्ण बल्लभ शास्त्री जी उपस्थित थे।

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