छत्तीसगढ

गोधन न्याय योजना से गांव होंगे स्वावलंबी: मुख्यमंत्री

रायपुर, 17 जुलाई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से शुक्रवार को  उनके निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ गौसेवा महासंघ के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर राज्य में गोधन न्याय योजना के माध्यम से देश-दुनिया को जीवन उपयोगी नया संदेश देने के लिए प्रतिनिधिमंडल द्वारा मुख्यमंत्री श्री बघेल का अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर राज्य गौ-सेवा आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष महंत राम सुन्दर दास भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने उन्हें नए दायित्व के लिए बधाई और शुभकामनाएं भी दी।

मुख्यमंत्री श्री बघेल प्रतिनिधिमंडल से चर्चा करते हुए कहा कि राज्य में हरेली पर्व के दिन से ’गोधन न्याय योजना’ की शुरूआत की जा रही है। यह योजना गांवों की माली हालत में सुधार सहित उसे स्वावलंबी बनाने में कारगर साबित होगी। उन्होंने बताया कि योजना के तहत पशुपालकों से गोबर की खरीदी भी की जाएगी। गोबर की खरीदी होने से पशुओ की खुले पर चराई में रोक लगेगी और पशुपालन के लिए लोगों का रूझान बढ़ेगा। साथ ही किसान एक से अधिक दो और तीन फसलों के उत्पादन का लाभ आसानी से उठा सकेंगे। गौठानों में गोबर से वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया जाएगा। इससे राज्य में जैविक खेती के उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बताया कि गांव में निर्मित गौठानों के एक-एक एकड़ में इंडस्ट्रियल पार्क भी विकसित किए जाएंगे। इनमें महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन के साथ-साथ साबुन, अगरबत्ती, फिनाइल, लाख चूड़ी निर्माण तथा लघु वनोपजों के प्रसंस्करण के कार्य भी आसानी से किए जा सकेंगे। इससे लोगों को रोजगार के साथ-साथ अच्छी आमदनी भी मिलेगी। गौठानों में निर्मित सामग्रियों की सहजता से बिक्री सुनिश्चित करने के संबंध में भी राज्य सरकार द्वारा आवश्यक रणनीति तैयार की जा रही है। इससे गांवों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और गांव तेजी से स्वावलंबन की ओर अग्रसर होंगे। प्रतिनिधिमंडल में प्रेमशंकर गौटिया, योगेश यादव, गोवर्धन साहू, मनमोहन सिंह, प्रदीप अग्रवाल, सीताराम सोनी, श्रीमती प्रियंका चौधरी, रवि वर्मा, रोहित पटेल, आचार्य कोमल कुमार आदि शामिल थे।

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