छत्तीसगढ

छत्तीसगढ़ सरकार की अभिनव पहल: डिजिटल प्लेटफार्म में आंगनबाड़ी के बच्चों की देखभाल और प्रारंभिक शिक्षा

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार शून्य से छह वर्ष के बच्चों के समग्र विकास को दृष्टिगत रखते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से प्रारंभिक बाल्यावस्था देखरेख एवं शिक्षा (ईसीसीई) पर आधारित एक अभिनव पहल शुरू कर रही है। जिसके तहत डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से अभिभावकों तक बच्चों के समग्र विकास की सटीक सूचनाएं प्रेषित की जाएंगी। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आज इस संबंध में सभी जिला कलेक्टरों को जिले में इस योजना के सुचारू क्रियान्वयन करने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
कलेक्टरों को जारी निर्देश में कहा गया है कि वर्तमान में कोविड-19 से बचाव को दृष्टिगत रखते हुए आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन बन्द किया गया है। इस अवधि में आंगनबाड़ी में प्रदाय किए जाने वाले पोषण आहार को टेक होम राशन प्रदाय के रूप में हितग्राहियों के घर तक पहुंचाया जा रहा है। पोषण के साथ ही प्रारंभिक बाल्यावस्था देखरेख एवं शिक्षा भी बच्चों के विकास का महत्वपूर्ण पहलू है। अतः बच्चों के सही विकास के लिए अभिभावकों तक हरसंभव जानकारी पहुंचाना अत्यन्त आवश्यक है ताकि आंगनबाड़ी बंद रहने की स्थिति में भी बच्चों को घर पर समग्र विकास के लिए अनुकूल वातावरण मिल सके। इसी क्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रारंभिक बाल्यावस्था देखरेख एवं शिक्षा (ईसीसीई) पर आधारित एक अभिनव पहल प्रारम्भ की जा रही है।

कलेक्टरों को जारी पत्र में कहा गया है कि डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से अभिभावकों तक बच्चों की समग्र विकास की सटीक सूचनाओं की श्रृंखला का प्रसारण प्रत्येक सोमवार को किया जाएगा। प्रत्येक सोमवार को व्हाट्सएप्प के माध्यम से दो मैसेज विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी को प्रेषित किए जाएंगे। इसमें से एक मैसेज शून्य से 3 वर्ष आयु समूह और एक मैसेज 3 से 6 वर्ष आयु समूह के विकास से संबंधित होगा। प्रत्येक संदेश की अवधि लगभग 3-4 मिनट की होगी।

जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा यह संदेश परियोजना अधिकारी और पर्यवेक्षकों तक प्रसारित किए जाएंगे। पर्यवेक्षकों के माध्यम से यह संदेश आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रसारित किए जाएंगे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा यह संदेश पोषण आहार वितरण या गृह भेंट के समय अभिभावकों तक पहुंचाए जाएंगे, जिन अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन उपलब्ध है, उन तक विभाग द्वारा व्हाट्सएप्प के माध्यम से संदेश प्रेषित किए जाएंगे। अभिभावकों के पास स्मार्टफोन उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा गृह भेंट के दौरान संदेश सुनाया जाएगा और उपयुक्त परामर्श भी दिया जाएगा। संदेश देते समय कोरोना वायरस (कोविड-19) के फैलाव की रोकथाम के लिए निर्धारित निर्देश जैसे-स्वच्छता सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेसिंग) आदि का अक्षरशः पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है।
कलेक्टर को जारी पत्र में यह भी कहा गया है कि कार्यक्रम के संचालन में आने वाली समस्याओं को दूर करने और समीक्षा के लिए प्रति सप्ताह शुक्रवार को संचालनालय महिला एवं बाल विकास द्वारा वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग का आयोजन किया जाएगा।

(प्रतितात्मक फोटो)

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