छत्तीसगढ

टीएस सिंहदेव ने PM मोदी की वैक्सीन डिप्लोमेसी पर किए सवाल…कहा- देशवासियों का पहले टीकाकरण करें, बाद में निर्यात

देश भर में 45 साल से अधिक उम्र वाले सभी लोगों को कोरोना का टीका लगना शुरू होने से ठीक एक दिन पहले वैक्सीन नीति पर विवाद शुरू हो गया है। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टीएस सिंहदेव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वैक्सीन डिप्लोमेसी पर सवाल खड़े कर दिये हैं। इस नीति के तहत केंद्र सरकार जरूरतमंद देशों को भारत में निर्मित कोरोना वैक्सीन के डोज भेज रही है।

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सोशल मीडिया के जरिये वैक्सीन डिप्लोमेसी की आलोचना की है। उन्होंने लिखा – प्रधानमंत्री मोदी जी को विमान यात्रा का बहुत अनुभव है। वे जानते हैं कि हमेशा यह चेतावनी दी जाती है कि आपातकालीन स्थिति में पहले अपना मास्क लगाएं फिर दूसरों की मदद करें। उसी प्रकार हमें अपने देशवासियों के टीकाकरण के बाद ही निर्यात या अन्य देशों की सहायता करनी चाहिए। सिंहदेव ने लिखा – भारत ने पहले भी टीकाकरण के क्षेत्र में कई देशों की सहायता की है। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि हम सक्षम हैं, पर अभी आवश्यकता है हमारे नागरिकों को कोरोना के विरुद्ध सशक्त करने की। अगर देशवासी सुरक्षित और स्वस्थ होंगे तो आने वाले समय में ऐसे नेक कार्य में सभी का योगदान होगा।

वैक्सीन को प्रयोग की अनुमति मिलने के साथ ही केंद्र सरकार इसे दूसरे देशों को उपलब्ध करा रही है। अंतरराष्ट्रीय राजनीति में इसे वैक्सीन डिप्लोमेसी कहा जा रहा है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक 29 मार्च तक करीब 83 देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को वैक्सीन के छह करोड़ 40 से अधिक डोज भेजे जा चुके हैं। भारत में निर्मित यह वैक्सीन अभी तक नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान, मालदीव, मॉरीशस, सेशल्स, बहरीन, मिस्र, ब्राजील, मोरक्को, ओमान, अल्जीरिया, दक्षिण कोरिया, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, मैक्सिको, सउदी अरब, यूक्रेन, कनाडा, माली, सूडान, इंगलैंड जैसे 50 से अधिक देशों को भेजी जा चुकी है। इनमें से 58 प्रतिशत हिस्सा व्यावसायिक है। 14 प्रतिशत अनुदान के तौर पर दी गई है।

कल से घरेलू मोर्चे पर बढ़ेगी मांग

देश में कल से 45 साल से अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों को कोरोना से बचाव का टीका लगाया जाना है। बताया जा रहा है कि ऐसे लोगों की संख्या आबादी का कुल 20 प्रतिशत हिस्सा है। इस मान छत्तीसगढ़ में 58 लाख 66 हजार से अधिक लोगों को यह टीका लगेगा। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिये करीब 2 लाख लोगों को रोज वैक्सीन लगाने का लक्ष्य तय किया है। इस मान से घरेलू मोर्चे पर टीके की मांग अचानक बढ़ जाएगी। ऐसे में वैक्सीन डिप्लोमेसी और व्यावसायिक निर्यात को जारी रखना देश के टीकाकरण कार्यक्रम को प्रभावित कर सकता है।

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